लिंग – परिभाषा, भेद, पहचान, उदाहरण, लिंग निर्णय – Ling in Hindi

लिंग (Gender)

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लिंग (हिन्दी में लिंग)

Ling in Hindi: लिंग (Ling) से तात्पर्य भाषा के ऐसे प्रावधानों से है जो वाक्य को कर्ता के स्त्री, पुरुष या निर्जीव होने के अनुसार बदल देता हैं। “लिंग” संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ होता है “चिन्ह” या “निशान“, अतः जिस संज्ञा शब्द से व्यक्ति की जाति का पता चलता है उसे लिंग (Ling in Hindi) कहते हैं। विश्व की लगभग एक चौथाई भाषाओं में किसी न किसी प्रकार की लिंग व्यवस्था है।

“वह शब्द जिससे किसी व्यक्ति, वस्तु आदि में स्त्री-पुरुष होने का ज्ञान हो उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में लिंग दो प्रकार के होते हैं- पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।”

हिन्दी में लिंग का उदाहरण:

  • मोहन पढ़ता है। – इस वाक्य में “पढ़ता” का रूप पुल्लिंग है, इसका स्त्रीलिंग रूप ‘पढ़ती’ होगा। –
  • गीता गाती है। – यहाँ, ‘गाती‘ शब्द का लिंग स्त्रीलिंग है।

लिंग की परिभाषा

लिंग‘ संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है चिन्ह या निशान, अतः शब्दों के जिस रूप से उसके पुरुष या स्त्री जाति के होने का पता चलता है, उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में दो ही लिंग होते हैं- पुरुष (पुल्लिंग) और स्त्री (स्त्रीलिंग)।

जैसे:-

  • पुरुष जाति में= बैल, बकरा, मोर, मोहन, लड़का, हाथी, शेर, घोडा, दरवाजा, पंखा, कुत्ता, भवन, पिता, भाई आदि शब्दों का लिंग ‘पुल्लिंग‘ हैं।
  • स्त्री जाति में= गाय, बकरी, मोरनी, मोहिनी, लडकी, हथनी, शेरनी, घोड़ी, खिड़की, कुतिया, माता, बहन आदि शब्दों का लिंग ‘स्त्रीलिंग‘ हैं।
पुल्लिंग स्त्रीलिंग
कवि कवयित्री
ऊँट ऊँटनी
इंद्र इंद्राणी
अभिनेता अभिनेत्री
अनुज अनुजा
कुत्ता कुतिया
गधा गधी
गायक गायिका
गुड्डा गुड़िया

लिंग के भेद

संसार में तीन जातियाँ होती हैं- पुरुष, स्त्री, जड़ (नपुंसक)। इन्ही जातियों के आधार पर लिंग के भेद बनाए गये हैं। हिन्दी में लिंग के दो भेद होते हैं- पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग, जबकि संस्कृत में लिंग तीन होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंग; और अंग्रेज़ी में चार लिंग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, उभयलिंग तथा नपुंसक लिंग।

हिन्दी में लिंग के भेद इस प्रकार हैं:

  1. पुल्लिंग: जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराएं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं। जैसे- कुत्ता, हाथी, शेर पुल्लिंग आदि।
  2. स्त्रीलिंग: जो शब्द स्त्री जाति का बोध कराएं, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं। जैसे- कुत्तिया, हथनी, शेरनी आदि।

लिंग निर्धारण या लिंग निर्णय

व्याकरणाचार्यों ने लिंग  निर्णय के कुछ नियम बताये हैं लेकिन उन सभी में अपवाद है। लेकिन फिर भी लिंग निर्णय के कुछ नियम इस प्रकार है :-

  • जब प्राणीवाचक संज्ञा पुरुष जाति का बोध कराएँ तो वे पुल्लिंग होते हैं और जब स्त्रीलिंग का बोध कराएँ तो स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- कुत्ता, हाथी, शेर पुल्लिंग हैं और कुत्तिया, हथनी, शेरनी स्त्रीलिंग हैं।
  • कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों लिंगों का बोध करती है तो वे नित्य पुल्लिंग में शामिल हो जाते हैं। जैसे:- खरगोश, खटमल, गैंडा, भालू, उल्लु आदि।
  • कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों का बोध करे तो वे नित्य स्त्रीलिंग में शामिल हो जाते हैं। जैसे:- कोमल, चील, तितली, छिपकली आदि।

लिंग के निर्णय में आई कठिनाई और उसका हल

हिंदी में लिंग के निर्णय का आधार संस्कृत के नियम ही हैं। संस्कृत में हिंदी से अलग एक तीसरा लिंग भी है जिसे नपुंसकलिंग कहते हैं। नपुंसकलिंग में अप्राणीवाचक संज्ञाओं को रखा जाता है। हिंदी में अप्राणीवाचक संज्ञाओं के लिंग निर्णय में सबसे अधिक कठिनाई हिंदी न जानने वालों को होती है।

जिनकी मातृभाषा हिंदी होती है उन्हें सहज व्यवहार के कारण लिंग निर्णय में परेशानी नहीं होती। लेकिन इनमें भी एक समस्या है की कुछ पुल्लिंग शब्दों के पर्यायवाची स्त्रीलिंग हैं और कुछ स्त्रीलिंग के पुल्लिंग। जैसे:- पुस्तक को स्त्रीलिंग कहते हैं और ग्रन्थ को पुल्लिंग।

लिंग की पहचान

आपको जिस संज्ञा शब्द का लिंग पहचानना है पहले उसका बहुवचन में परिवर्तन कीजिए। बहुवचन में बदलने के बाद अगर शब्द के अंत में “” या “आँ” आये तो शब्द का लिंग “स्त्रीलिंग” है और अगर पीछे ऍ और आँ नहीं आता है तो वह पुल्लिंग होगा। जैसे:-

  • पंखा – पंखे (अंत में “” या “आँ” नहीं आया है तो यह शब्द पुल्लिंग है।)
  • चाबी – चाबियाँ (अंत में “आँ” आया है तो यह शब्द स्त्रीलिंग हैं।)

लिंग के उदाहरण

लिंग के उदाहरण इस प्रकार हैं, इनमें प्रथम शब्द पुल्लिंग है और द्वितीय स्त्रीलिंग:

  1. अध्यापक – अध्यापिका
  2. ऊँट – ऊंटनी
  3. कछुआ – मादा कछुआ
  4. कवि – कवियित्री
  5. कहार – कहारिन
  6. खरगोश – मादा खरगोश
  7. गायक – गायिका
  8. गुड्डा – गुडिया
  9. ग्वाला – ग्वालिन
  10. घोडा – घोड़ी
  11. घोडा – घोड़ी
  12. चिड़ा – चिड़िया
  13. चूहा – चुहिया
  14. चौधरी – चौधरानी
  15. छात्र – छात्रा
  16. जेठ – जेठानी
  17. ठाकुर – ठकुराइन
  18. तपस्वी – तपस्विनी
  19. दर्जी – दर्जिन
  20. दादा – दादी
  21. दास – दासी
  22. देव – देवी
  23. देवर – देवरानी
  24. धोबी – धोबिन
  25. नर – मादा
  26. नर चीता – चीता
  27. नर चील – चील
  28. नर तितली – तितली
  29. नर मक्खी – मक्खी
  30. नर मछली – मछली
  31. नाग – नागिन
  32. नेता – नेत्री
  33. नौकर – नौकरानी
  34. पंडित – पण्डिताइन
  35. पडोस – पड़ोसिन
  36. परोपकारी – परोपकारिनी
  37. पाठक – पाठिका
  38. पुरुष – स्त्री
  39. बकरा – बकरी
  40. बलवान – बलवती
  41. बाल – बाला
  42. बाल – बाला
  43. बालक – बालिका
  44. बेटा – बिटिया
  45. ब्राह्मण – ब्राह्मणी
  46. भालू – मादा भालू
  47. भेड़ – भेडा
  48. भेडिया – मादा भेडिया
  49. महान – महती
  50. मामा – मामी
  51. मालिक – मालकिन
  52. माली – मालिन
  53. मोर – मोरनी
  54. युवक – युवती
  55. लड़का – लडकी
  56. लुहार – लुहारिन
  57. लेखक – लेखिका
  58. लोटा – लुटिया
  59. वर – वधू
  60. विद्वान् – विदुषी
  61. शिक्षक – शिक्षिका
  62. शिष्य – शिष्या
  63. शेर – शेरनी
  64. श्रीमान – श्रीमती
  65. सम्राट – सम्राज्ञी
  66. साधु – साध्वी
  67. सिंह – सिंहनी
  68. सुत – सुता
  69. सुनार – सुनारिन
  70. सेठ – सेठानी
  71. सेवक – सेविका
  72. स्वामी – स्वामिनी
  73. हाथी – हथिनी
  74. हितकारी – हितकारिनी

1. पुल्लिंग (Masculine Gender)

जिन संज्ञा के शब्दों से पुरुष जाति का पता चलता है उसे “पुल्लिंग” कहते हैं। जैसे:- पिता, राजा, घोडा, कुत्ता, बन्दर, हंस, बकरा, आदमी, सेठ, मकान, लोहा, चश्मा, दुःख, प्रेम, लगाव, खटमल, फूल, नाटक, पर्वत, पेड़, मुर्गा, बैल, भाई, शिव, हनुमान, शेर आदि।

अपवाद शब्द: जनवरी, मई, जुलाई, पृथ्वी, श्रीलंका, चाँदी, इमली, ज्वार, मक्खी, ज्वार, अरहर, मूंग, लस्सी, चाय, काफी, चटनी, इ, ई, ऋ, गर्दन, जीभ, अंगुली, आँख, नाक, उँगलियाँ, सभा, कक्षा, संतान, प्रथम, तिथि, रात, सायं, सन्ध्या, दोपहर, छाया, खटास, मिठास, मणि,  आदि शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।

पुल्लिंग की पहचान

1. जिन शब्दों के पीछे ‘अ, त्व, आ, आव, पा, पन, न‘ आदि प्रत्यय आये वे पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- मन, तन, वन, शेर, राम, कृष्ण, सतीत्व, देवत्व, मोटापा, चढ़ाव, बुढ़ापा, लडकपन, बचपन, लेन -देन आदि।

2. पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- हिमालय, हिमाचल, विघ्यांच्ल, सतपुड़ा, आल्प्स, यूराल, कंचनजंगा, एवरेस्ट, फूजियामा, कैलाश, मलयाचल, माउन्ट एवरेस्ट आदि।

3. दिनों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- सोमवार, मंगलवार, बुद्धवार, वीरवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार आदि।

4. देशों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- भारत, चीन, ईरान, यूरान, रूस, जापान, अमेरिका, पाकिस्तान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, मध्य प्रदेश आदि।

5. धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- सोना, ताम्बा, पीतल, लोहा,चाँदी, पारा आदि।

6. नक्षत्रों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- सूर्य, चन्द्र, राहू, आकाश, शनि, बुद्ध, बृहस्पति, मंगल, शुक्र आदि।

7. महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- फरवरी, मार्च, चैत, आषाढ़, फागुन आदि।

8. द्रवों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- पानी, तेल, पेट्रोल, घी, शरबत, दही, दूध आदि।

9. पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- केला, पपीता, शीशम, सागौन, जामुन, बरगद, पीपल, नीम, आम, अमरुद, देवदार, अनार, अशोक, पलाश आदि।

10. सागर के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अरब महासागर आदि।

11. समय के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- घंटा, पल, क्षण, मिनट, सेकेंड आदि।

12. अनाजों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- गेंहूँ, बाजरा, चना, जौ आदि।

13. वर्णमाला के अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- अ, उ, ए, ओ, क, ख, ग, घ, च, छ, य, र, ल, व्, श आदि।

14. प्राणीवाचक शब्द हमेशा पुरुष जाति का ही बोध करते हैं। जैसे:- बालक, गीदड़, कौआ, कवि, साधु, खटमल, भेडिया, खरगोश, चीता, मच्छर, पक्षी आदि।

15. समूह वाचक संज्ञा भी पुल्लिंग होती है। जैसे:- मण्डल, समाज, दल, समूह, सभा, वर्ग, पंचायत आदि।

16. भारी और बेडौल वस्तु भी पुल्लिंग होती हैं। जैसे:- जूता, रस्सा, पहाड़, लोटा आदि।

17. रत्नों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- नीलम, पुखराज, मूँगा, माणिक्य, पन्ना, मोती, हीरा आदि।

18. फूलों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- गेंदा, मोतिया, कमल, गुलाब आदि।

19. द्वीप भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- अंडमान -निकोबार, जावा, क्यूबा, न्यू फाउंलैंड आदि।

20. शरीर के अंग पुल्लिंग होते हैं। जैसे:-हाथ, पैर, गला, अंगूठा, कान, सिर, मुंह, घुटना, ह्रदय, दांत, मस्तक आदि।

21. दान, खाना, वाला से खत्म होने वाले शब्द हमेशा पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- खानदान, पीकदान, दवाखाना, जेलखाना, दूधवाला, दुकानवाला आदि।

22. आकारान्त संज्ञा पुल्लिंग होती है। जैसे:- गुस्सा, चश्मा, पैसा, छाता आदि।

और अधिक शब्द पढ़ें: पुल्लिंग शब्द

पुल्लिंग शब्द और उनके वाक्य प्रयोग

  • अकाल: राजस्थान में भीषण अकाल पड़ा था।
  • अपराध: उनका अपराध क्षमा के योग्य है।
  • अम्बार: किताबों का अम्बार लगा हुआ है।
  • आँसू: मोहन के आँसू निकल पड़े।
  • आईना: आईना टूट गया।
  • आयोजन: पूजा का आयोजन हो रहा है।
  • इत्र: यह जैस्मिन का इत्र है।
  • ईंधन: ईंधन जला दिया गया।
  • उमंग: मन में उमंग बहुत अच्छी होती है।
  • कंबल: कंबल बहुत मोटा है।
  • कफन: कफन थोडा छोटा है।
  • कवच: यह सूअर की खाल का कवच है।
  • कीचड़: कीचड़ सुख गया।
  • कुआँ: कुआँ गहरा है।
  • कुहासा: कुहासा छाया हुआ है।
  • क्रोध: क्रोध आदमी को पागल कर देता है।
  • खलिहान: रामू का खलियान जल गया है।
  • गिरगिट: गिरगिट रंग बदल सकता है
  • गीत: वह गीत अच्छा नहीं है।
  • गुनाह: उसका गुनाह क्या है।
  • घर: घर साफ बना है।
  • घाव: घाव पक कर गहरा हो गया है।
  • घी: घी महँगा है।
  • चाबुक: तुम्हारा चाबुक गिर गया है।
  • चुनाव: चुनाव आने वाला है।
  • छप्पर: वह लकड़ी का छप्पर है।
  • जख्म: जख्म हर हो गया है।
  • जहाज: जहाज डूब गया है।
  • जुलुस: जुलूस लम्बा चलेगा।
  • जेल: यह मुम्बई का जेल है।
  • जौ: जौ का स्वाद अच्छा नहीं होता है।
  • टिकट: यह बस का टिकट है।
  • तकिया: यह रश्मी का तकिया है।
  • तीर: हाथ से अचानक तीर छुट गया।
  • तौलिया: यह स० डी० ओ० का तौलिया है।
  • दंगा: दंगा अच्छा नहीं होता है।
  • दही: दही बहुत खट्टा होता है।
  • दाग: पान का दाग नहीं छूटता है।
  • नकद: उसने खरीद के नकद पैसे दिए हैं।
  • नीड़: मेरा तो नीड़ उजड़ गया है।
  • नीलाम: जमीन को नीलाम होना ही है।
  • पतंग: पतंग उड़ रहा है।
  • पर्वत: पर्वत बहुत ऊँचा है।
  • पहिया: पहिया टूट चूका है।
  • पानी: पानी साफ है।
  • प्राण: उसके प्राण उड़ गये।
  • फर्ज: हमारे प्रति उनका फर्ज बहुत ही ऊँचा है।
  • बचपन: सभी का बचपन बहुत सुंदर होता है।
  • बोझ: उसके सिर पर बोझ रखा है।
  • भोर: भोर हो चूका है।
  • मोती: मोती चमकता रहता है।
  • मोम: मोम पिघल रहा है।
  • रुमाल: रुमाल फटने वाला है।
  • वृक्ष: वृक्ष सुख चूका है।
  • शोक: उन्हें गाने का शोक है।
  • सींग: गाय के दो सींग होते हैं।
  • हार: यह हार बहुत महँगा है।
  • होश: उनके होश उड़ चुके हैं।

2. स्त्रीलिंग (Feminine Gender)

जिन संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का पता चलता है उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे :- हंसिनी, लडकी, बकरी, माता, रानी, जूं, सुईं, गर्दन, लज्जा, बनावट, घोड़ी, कुतिया, बंदरिया, कुर्सी, पत्ती, नदी, शाखा, मुर्गी, गाय, बहन, यमुना, बुआ, लक्ष्मी, गंगा, लडकी, औरत, शेरनी, नारी, झोंपड़ी, लोमड़ी आदि।

अपवाद शब्द: पक्षी, फरवरी, एवरेस्ट, मोतिया, दिल्ली, स्त्रीत्व आदि शब्द पुल्लिंग होते हैं।

स्त्रीलिंग प्रत्यय

जब पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग बनाया जाता है तब प्रत्ययों को शब्दों में जोड़ा जाता है जिन्हें स्त्रीलिंग प्रत्यय कहते हैं। जैसे :-

  • : बड़ा-बड़ी, भला-भली आदि।
  • इनी: योगी-योगिनी, कमल-कमलिनी आदि।
  • इन: धोबी-धोबिन, तेल-तेली आदि।
  • नि: मोर-मोरनी, चोर-चोरनी आदि।
  • आनी: जेठ-जेठानी, देवर-देवरानी आदि।
  • आइन: ठाकुर-ठकुराइन, पंडित-पण्डिताइन आदि।
  • इया: बेटा-बिटिया, लोटा-लुटिया आदि।

स्त्रीलिंग की पहचान

1. जिन संज्ञा शब्दों के पीछे ख, ट, वट, हट, आनी आदि आयें वे सभी स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- कडवाहट, आहट, बनावट, शत्रुता, मूर्खता, मिठाई, छाया, प्यास, ईख, भूख, चोख, राख, कोख, लाख, देखरेख, झंझट, आहट, चिकनाहट, सजावट, इन्द्राणी, जेठानी, ठकुरानी, राजस्थानी आदि।

2. अनुस्वारांत, ईकारांत, उकारांत, तकारांत, सकारांत आदि संज्ञाएँ आती है वे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, उदासी, रात, बात, छत, भीत, लू, बालू, दारू, सरसों, खड़ाऊं, प्यास, वास, साँस, नानी, बेटी, मामी, भाभी आदि।

3. भाषा, बोलियों तथा लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- हिंदी, संस्कृत, देवनागरी, पहाड़ी, अंग्रेजी,पंजाबी गुरुमुखी, फ्रांसीसी, अरबी,फारसी, ज़र्मन,बंगाली, रुसी आदि।

4. नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, रावी, कावेरी, कृष्णा, व्यास, सतलुज, झेलम, ताप्ती, नर्मदा आदि।

5. तरीखो और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- पहली, दूसरी, प्रतिपदा, पूर्णिमा, पृथ्वी, अमावस्या, एकादशी, चतुर्थी, प्रथमा आदि।

6. नक्षत्रो के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- अश्विनी, भरणी, रोहिणी, रेवती, मृगशिरा, चित्रा आदि।

7. हमेशा स्त्रीलिंग रहने वाली संज्ञा होती हैं। जैसे:- मक्खी, कोयल, मछली, तितली, मैना आदि।

8. समूहवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- भीड़, कमेटी, सेना, सभा, कक्षा आदि।

9. प्राणीवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- धाय, संतान, सौतन आदि।

10. पुस्तकों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- कुरान, रामायण, गीता, रामचरितमानस, बाइबल, महाभारत आदि।

11. आहारों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- सब्जी, दाल, कचौरी, पूरी, रोटी, पकोड़ी आदि।

12. शरीर के अंगों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- आँख, नाक, जीभ, पलक, उँगली, ठोड़ी आदि।

13. आभूषण और वस्त्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- साड़ी, सलवार, चुन्नी, धोती, टोपी, पेंट, कमीज, पगड़ी, माला, चूड़ी, बिंदी, कंघी, नथ, अंगूठी आदि।

14. मशालों के नाम भी स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- दालचीनी, लौंग, हल्दी, मिर्च, धनिया, इलायची, अजवाइन, सौंफ, चाय आदि।

15. राशि के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- कुम्भ, मीन, तुला, सिंह, मेष, कर्क आदि।

और अधिक शब्द पढ़ें: स्त्रीलिंग शब्द

स्त्रीलिंग के शब्द और वाक्य प्रयोग

  • आदत: मुझे शराब पीने की आदत है।
  • आय: मेरी आय ठीक है।
  • आँख: उनकी आँख बहुत छोटी-छोटी हैं।
  • आग: घर में आग लग गई।
  • इच्छा: मेरी इच्छा सोने की हैं।
  • ईट: ईंट बिलकुल पक चुकी है।
  • ईर्ष्या: दूसरों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए
  • उम्र: तुम्हारी उम्र लंबी है।
  • ऊब: नीरस बातों से ऊब होती है।
  • कब्र: कब्र खोदी जा चुकी है।
  • कमर: मेरी कमर में बहुत दर्द है।
  • कसम: मैंने उनकी कसम खायी है।
  • कलम: कलम टूट चुकी है।
  • खटिया: उसकी तो खटिया खड़ी हो गई।
  • खोज: गुमशुदा व्यक्तियो की खोज अभी तक जारी है।
  • खबर: उसकी मृत्यु की खबर गलत निकली थी।
  • गर्दन: मेरी गर्दन फंस गई है।
  • घूस: घूस बहुत ही बुरी चीज है।
  • घात: चील साँप की घात में है।
  • चमक: उनके चेहरे की चमक गायब हो चुकी है।
  • चिढ: राम की चिढ बहुत महंगी पड़ी।
  • चाल: घोड़े की चाल अच्छी होती है।
  • चील: चील आकाश में उड़ रही है।
  • छत: छत टूट चुकी है।
  • जाँच: जाँच पूरी नहीं हुई है।
  • जीभ: जीभ कटी नहीं है।
  • जूं: मेरे सिर में जूं हो रही हैं।
  • झंझट: झंझट में कभी नहीं पड़ना चाहिए।
  • तांग: मरी तांग टूटने से बच गई है।
  • ठेस: उसे बहुत ठेस लगी है।
  • किताब: किताब बहुत पुराणी है।
  • तबियत: उनकी तबियत ठीक है।
  • थकावट: सारा दिन काम करने से शरीर में थकावट हो गई है।
  • दीवार: दीवार गिर चुकी है।
  • देह: उनकी देह बहुत मोटी है।
  • धूप: धूप निकल गई है।
  • नकल: मेरी नकल मत किया करो।
  • नहर: नहर का पानी बहुत गंदा है।
  • नब्ज: मै उसकी नब्ज पहचानता हूँ।
  • प्रतिज्ञा: मेरी प्रतिज्ञा अटल है।
  • फटकार: मैंने उसमे फटकार लगाई।
  • बंदूक: यह सीता की बंदूक है।
  • बर्फ: बर्फ गिर चुकी है।
  • बालू: बालू पीली है।
  • बूंद: पानी की बुँदे एक एक करके गिर रही हैं।
  • भीख: भीख कभी नही देनी चाहिए।
  • भीड़: वहाँ पर भीड़ लग रही थी।
  • भूख: मुझे भूख लग रही है।
  • मूंछ: उनकी मूंछें नुकीली नहीं है।
  • यात्रा: यात्रा अच्छी हुई थी।
  • लाश: लाश सड चुकी है।
  • लीक: यह लिक किस तरह की है।
  • लु: लु चलने से उसे चक्कर आ गया।
  • शराब: शराब बहुत महंगी है।
  • विजय: युद्ध में उनकी विजय हुई।
  • सजा: उसे दो साल की सजा हुई है।
  • सडक: सडक बहुत छोटी है।
  • साँझ: साँझ हो चुकी है।

दोनों लिंग में प्रयुक्त होने वाले शब्द: द्विलिंगी शब्द

हिन्दी में कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो पुल्लिंग और स्त्रीलिंग दोनों लिंगों के लिए प्रयुक्त होते हैं। जैसे:- प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, चित्रकार, पत्रकार, गवर्नर,लेक्चर, वकील, डॉक्टर, सेक्रेटरी, प्रोफेसर, शिशु, दोस्त, बर्फ, मेहमान, मित्र, ग्राहक, प्रिंसिपल, मैनेजर, श्र्वास, मंत्री आदि।

उदाहरण के लिए:-

  • नरेंद्र मोदी हमारे ‘प्रधानमंत्री‘ हैं।
  • इंद्रागांधी हमारी ‘प्रधानमंत्री‘ थीं।

लिंग परिवर्तन

पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने अर्थात लिंग परिवर्तन के नियम इस प्रकार हैं:-

नियम 1. पुल्लिंग शब्द के अंत में अ, आ वर्ण को जब “” कर दिया जाता है तो उनका लिंग “स्त्रीलिंग” हो जाते हैं। “पुल्लिंग = स्त्रीलिंग” शब्दों के उदाहरण इस प्रकार हैं :-

  • गूँगा = गूँगी
  • गधा = गधी
  • देव = देवी
  • नर = नारी
  • नाला = नाली

नियम 2. कुछ शब्दों के अंतिम वर्ण “अ, आ, वा” की जगह पर “इया” लगा दिया जाता हैं, तो उनका लिंग “स्त्रीलिंग” हो जाता हैं। “पुल्लिंग = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं :-

  • लोटा = लुटिया
  • बन्दर = बंदरिया
  • बुढा = बुढिया
  • बेटा = बिटिया
  • चिड़ा = चिड़िया

नियम 3. “अक” प्रत्यय युक्त शब्दों में “इका” जोडकर भी स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं। “पुल्लिंग शब्द + इका = स्त्रीलिंग शब्द” के उदाहरण इस प्रकार हैं:-

  • अध्यापक + इका = अध्यापिका
  • पत्र + इका = पत्रिका
  • चालक + इका = चालिका
  • सेवक + इका = सेविका
  • लेखक + इका = लेखिका
  • गायक + इका = गायिका
  • पाठक + इका = पाठिका
  • संपादक + इका = संपादिका

नियम 4. जब पुल्लिंग को स्त्रीलिंग बनाया जाता है तो कभी कभी नर या मादा लगाना पड़ता है। “पुल्लिंग = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं :-

  • तोता = मादा तोता
  • खरगोश = मादा खरगोश
  • मच्छर = मादा मच्छर
  • जिराफ = मादा जिराफ
  • खटमल = मादा खटमल
  • मगरमच्छ = मादा मगरमच्छ
  • उल्लू = मादा उल्लू
  • कोयल = नर कोयल
  • चील = नर चील
  • मकड़ी = नर मकड़ी
  • भेड़ = नर भेड़
  • मक्खी = नर मक्खी
  •  गिलहरी = नर गिलहरी
  •  मैना = नर मैना
  • कछुआ = नर कछुआ
  • भालू = मादा भालू
  • भेडिया = मादा भेडिया

नियम 5. कुछ शब्द स्वतंत्र रूप से स्त्री-पुरुष के जोड़े में होते हैं। कुछ जोड़ों के पुल्लिंग और स्त्रीलिंग बिलकुल अलग होते हैं। “पुल्लिंग = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं:-

  • राजा = रानी
  • सम्राट = सम्राज्ञी
  • पिता = माता
  • भाई = बहन
  • वर = वधू
  • पति = पत्नी
  • मर्द = औरत
  • पुरुष = स्त्री
  • बैल = गाय
  • पुत्र = कन्या
  • फूफा = बुआ

नियम 6. कुछ शब्दों का स्त्रीलिंग न हो पाने की वजह से उनमें “आनी” प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है। “पुल्लिंग + आनी = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं:-

  • ठाकुर + आनी = ठकुरानी
  • सेठ + आनी = सेठानी
  • चौधरी + आनी = चौधरानी
  • देवर +आनी = देवरानी
  • नौकर + आनी = नौकरानी
  • इंद्र + आनी = इन्द्राणी
  • जेठ + आनी = जेठानी
  • मेहतर + आनी = मेहतरानी
  • पण्डित +आनी = पंडितानी

नियम 7. कभी कभी पुल्लिंग के कुछ शब्दों में “इन” जोडकर स्त्रीलिंग बनाया जाता है। “पुल्लिंग + इन = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं :-

  • साँप + इन = सांपिन
  • सुनार + इन = सुनारिन
  • नाती + इन = नातिन
  • दर्जी + इन = दर्जिन
  • कुम्हार + इन = कुम्हारिन
  • लुहार + इन = लुहारिन
  • माली + इन = मालिन
  • धोबी + इन = धोबिन
  • बाघ + इन = बाघिन

नियम 8. कभी कभी बहुत से शब्दों में “आइन” जोडकर स्त्रीलिंग बनाए जाते हैं। “पुल्लिंग + आइन = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं :-

  • चौधरी + आइन = चौधराइन
  • हलवाई + आइन = हलवाइन
  • गुरु + आइन = गुरुआइन
  • पंडित + आइन = पण्डिताइन
  • ठाकुर + आइन = ठकुराइन
  • बाबू +आइन = बबुआइन

नियम 9. जब पुल्लिंग शब्दों में ता की जगह पर “त्री” लगा दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग बन जाते हैं। “पुल्लिंग + ता = स्त्रीलिंग + त्री” के उदाहरण इस प्रकार हैं

  • नेता = नेत्री
  • दाता = दात्री
  • अभिनेता = अभनेत्री
  • रचयिता = रचयित्री
  • विधाता = विधात्री
  • वक्ता = वक्त्री
  • धाता = धात्री

नियम 10. जब पुल्लिंग के जाति और भाव बताने वाले शब्दों में “नी” लगा दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं। “पुल्लिंग + नी = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं:-

  • सियार + नी = सियारनी
  • हिन्दू + नी = हिन्दुनी
  • ऊँट + नी = ऊंटनी
  • शेर + नी = शेरनी
  • भील + नी = भीलनी
  • हंस + नी = हंसनी
  • मोर + नी = मोरनी
  • चोर + नी = चोरनी
  • हाथी + नी = हथिनी
  • सिंह + नी = सिंहनी

नियम 11. पुल्लिंग शब्दों में जब “इनी” जोड़ दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग बन जाते हैं। “पुल्लिंग शब्द + इनी = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं:-

  • तपस्वी + इनी = तपस्विनी
  • स्वामी + इनी = स्वामिनी
  • मनस्वी + इनी = मनस्विनी
  • अभिमान + इनी = अभिमानिनी
  • दंडी + इनी = दंडिनी
  • संन्यासी + इनी = संन्यासिनी
  • सुहास + इनी = सुहासिनी

नियम 12. संस्कृत के पुल्लिंग शब्दों मान और वान को जब “वती” और “मति” में बदल दिया जाता है तो वे स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं। “पुल्लिंग = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं:-

  • बुद्धिमान = बुद्धिमती
  • पुत्रवान = पुत्रवती
  • श्रीमान = श्रीमती
  • भाग्यवान = भाग्यवती
  • आयुष्मान = आयुष्मती
  • भगवान = भगवती
  • धनवान = धनवती

नियम 13. संस्कृत के अकारांत शब्दों में “आ” लगा देने से वे स्त्रीलिंग हो जाते हैं। “अकारांत + आ = स्त्रीलिंग” के उदाहरण इस प्रकार हैं:-

  •  तनुज + आ = तनुजा
  • चंचल + आ = चंचला
  • आत्मज + आ = आत्मजा
  • सुत +आ = सुता
  • प्रिय + आ = प्रिया
  • पूज्य +आ = पूज्या
  • श्याम + आ = श्यामा
  • भैस + आ = भैंसा
  • भेड़ + आ = भेडा
  • मौसी +आ = मौसा
  • जीजी + आ = जीजा

लिंग निर्णय करने के प्रकार

  1. अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय
  2. तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय
  3. तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय
  4. प्रत्ययों के आधार पर तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय
  5. संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय
  6. उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय
  7. अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय

अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय

अर्थ के अनुसार लिंग निर्णय को दो भागों में बाँटा गया है-

  1. अप्राणीवाचक पुल्लिंग हिंदी शब्द (निर्जीव पुल्लिंग शब्द)
  2. अप्राणीवाचक स्त्रीलिंग हिंदी शब्द (निर्जीव स्त्रीलिंग शब्द)

अप्राणीवाचक पुल्लिंग हिंदी शब्द (निर्जीव पुल्लिंग शब्द)

शरीर के अंगों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- कान, दांत, मुंह, ओठ, पाँव, गाल, तालु, सिर, मस्तक, अंगूठा, मुक्का, नाख़ून, नथुना, हाथ आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

रत्नों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- मोती, पत्रा, हीरा, जवाहर, मूँगा, नीलम, पुखराज, लालमणि आदि।

धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- ताँबा, लोहा, चाँदी, पीतल, सोना, कांसा, टीन, स्टील आदि।

अनाज के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- जौ, गेंहूँ, चावल, बाजरा, चना, मटर आदि।

पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- अशोक, तमाल, पीपल, बड, देवदार, आम, शीशम, सागौन, कटहल, नीबू, सेब, बादाम, अखरोट आदि।

द्रव्यों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- पानी, घी, दूध, तेल, शरबत, इत्र, सिरका, रायता, लस्सी आदि।

स्थान और जलों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- देश, नगर, शहर, नभोमण्डल, वायुमंडल, पाताल, समुद्र, सरोवर, पर्वत आदि।

अप्राणीवाचक स्त्रीलिंग हिंदी शब्द (निर्जीव स्त्रीलिंग शब्द)

नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- गंगा, जमुना, सरस्वती, ब्रह्मपुत्र, सतलुज, गोदावरी, रावी, झेलम, व्यास आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

नक्षत्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- भरणी, अश्विनी, रोहिणी आदि।

दुकानदार की चीजें स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- लौंग, इलायची, मिर्च, दालचीनी, हल्दी, सुपारी, हींग आदि।

खाने पिने की चीजें स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- कचौड़ी, खीर, पूरी, दाल, पकौड़ी, रोटी, चपाती, तरकारी, खिचड़ी आदि।

तत्सम शब्दों का लिंग निर्णय

तत्सम शब्दों के लिंग निर्णय को दो भागों में बाँटा गया है।

  1. तत्सम पुल्लिंग शब्द
  2. तत्सम स्त्रीलिंग शब्द

तत्सम पुलिंग शब्द

अ, आ से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- अध्याय, आश्र्चर्य, अंकन, अंकुश, अंजन, अंचल, अन्तर्धान, अन्तस्तल, अम्बुज, अंश, अकाल, अक्षर, अलंकार, अनुच्छेद, अवमान, अनुमान, आकलन, आमंत्रण, आक्रमण, आभार, आवास, अपराध आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

उ, ऊ से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- उरोज, उपहार, उत्तर, उद्भव, उपकरण आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- चित्र, चन्द्र, चन्दन आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- पत्र, पात्र, पोषण, पालन, प्रकार, प्रहार, प्रचार, प्रसार, पश्र, प्रहर, परिमाण, परिमार्जन, परिवर्तन, परिशोध, परिशीलन, प्राणदान, प्रान्त, पक्ष, पृष्ट, प्रवेश, प्रभाव आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- मित्र, मलयज, माधुर्य, मास, मोद, मस्तक, मेघ, मर्म, मार्ग आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- गोत्र, गमन, गगन, ग्रन्थ, गज, गण, ग्राम, गृह, आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

श, स, श्र से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- श्रवण, शोषण, सतीत्व, स्वाध्याय, शिख, सुख, शंख, सरोवर, संस्करण, संशोधन, सोमवार, स्वदेश, सर्प, सागर, साधन, सार, स्वर्ग, शासन, शिविर, स्वास्थ्य, समाज, श्रम, सन्देश, संघ, संकल्प आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- लालन, लाघव, लोभ, लोक आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

ज, क, न से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- जलज, कृत्य, कार्य, कर्म, क्रोध, नख, काष्ट, कष्ट, कल्याण, कवच, कायाकल्प, कलश, काव्य, कास, नगर, नियम, निमन्त्रण, नियंत्रण, निबन्ध, नाटक, निगम, न्याय, निर्माण, न्याय आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

य, र, व्, ध से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- वीर्य, विहार, वचन, यवन, रविवार, राजयोग, रूपक, राष्ट्र, धन, विधेयक, विनिमय, विनियोग, विभाग, विभाजन, विऱोध, विवाद, वाणिज्य, वाद, विघटन, विसर्जन, विवाह, व्याख्यान, धर्म, विराम, विक्रम आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

द, ब, छ, ह, ज्ञ से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- दमन, ह्रास, बोध, दुःख, तुषार, तुहिन, छत्र, क्षण, छन्द, तत्त्व, बहुमत, ज्ञापक, छात्रावास आदि।

तत्सम स्त्रीलिंग शब्द

द, म से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- दया, माया, महिमा, मण्डली, मृत्यु आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

क, ल, क्ष से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- कृपा, लज्जा, क्षमा, कालिमा, लालिमा, काया, कला, क्षति, कृति, कटि,केलि, लक्ष्मी, कुण्डली, कुण्डलिनी, कौमुदी आदि।

श, स, श्र, र से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- शोभा, सभा, समवेदना, रचना, सुन्दरता,रक्षा, संहिता, सीमा, स्थापना, संस्था, सहायता, शिक्षा, समता, सम्पदा, संविदा, सूचना, सेवा, सेना, सिद्धि, समिति, रीति, शक्ति, स्थित,शान्ति, सन्धि, समिति, सम्पत्ति, सुसंगति, रुचि, शताब्दी, श्री, रज्जु, रेणु आदि।

प, व्, घ, अ, आ से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- प्रार्थना, वेदना, प्रस्तावना, घटना, अवस्था, प्रभुता, अभिलाषा, आशा, पूर्णिमा, अरुणिमा, अनुज्ञा, आज्ञा, आराधना, आजीविका, घोषणा, परीक्षा, व्याख्या, विज्ञप्ति, अनुमति, अभियुक्ति, अभिव्यक्ति, विधि, पूर्ति, विकृति, प्रतिकृति, प्रतिभूति, प्रतिलिपि, अनुभूति, परिस्थिति, विमति, वृत्ति, आवृत्ति, अग्नि, आयु, वस्तु, वायु आदि।

न, ज,ग, ध से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- नम्रता, जड़ता, गरिमा, निराशा, गवेषणा, नगरपालिका, नागरिकता, जाति, निधि, नियुक्ति, निवृत्ति, धृति, नदी, नारी, गोष्ठी, धात्री आदि।

ह, य, उ, इ, च, छ से शुरू होने वाले शब्द, जैसे:- ईष्र्या, भाषा, चपला, इच्छा, उपासना, याचना, योग्यता, उपलब्धि, युक्ति, हानि, छवि आदि।

तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय

तद्भव शब्दों के लिंग निर्णय को दो भागों में बाँटा गया है।

  1. तद्भव पुल्लिंग शब्द
  2. तद्भव स्त्रीलिंग शब्द

तद्भव पुल्लिंग शब्द

उकारांत संज्ञाओं को छोडकर शेष आकारान्त संज्ञाएँ, जैसे:- कपड़ा, गन्ना, आटा, पैसा, चमक, पहिया, चमडा आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

जिन संज्ञाओं के अंत में ना, आव, पन, वा, पा होता है। जैसे:- आना, गाना, बहाव, चढ़ाव, खिचाव, बढ़ावा, बुढ़ापा आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

तद्भव स्त्रीलिंग शब्द

इकारांत संज्ञाएँ, जैसे:- नदी, सदी, चिट्ठी, रोटी, जूती, आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

ऊनवाचक यकारांत संज्ञा, जैसे:- गुडिया, डिबिया, पुडिया, खटिया, टिबिया आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

तकारांत संज्ञा, जैसे:- रात, बात, जात, लात, छत, खत, पत, भीत आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

उकारांत संज्ञा, जैसे:- बालू, आलू, झाड़ू, ब्यालू, लू, दारू आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

अनुस्वारांत संज्ञा, जैसे:- सरसों, खडाऊँ, भौं, जूँ आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

सकारांत संज्ञाएँ, जैसे:- प्यास, मिठास, खटास, उदास, निदास, बाँस, सांस आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

कृदंत नकारांत संज्ञा, जैसे:- रहन,सहन, सूजन, जलन, उलझन आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

कृदंत की आकारान्त संज्ञाएँ, जैसे:- लुट, मार, समझ, दौड़, रगड, चमक आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

जहाँ पर अंत में ट, वट, हट होता है। जैसे:- सजावट, घबराहट, चिकनाहट, आहट आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

जिन संज्ञा शब्दों के अंत में ख आता है। जैसे:- ईंख, भूख, राख, कांख, कोख, साख आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

प्रत्ययों के आधार पर तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय

प्रत्ययों के आधार पर हिंदी तद्भव शब्दों का लिंग निर्णय चार भागों में बाँटा गया है:-

  1. कृदंत स्त्रीलिंग प्रत्यय
  2. कृदंत पुल्लिंग प्रत्यय
  3. तद्धित स्त्रीलिंग प्रत्यय
  4. तद्धित पुल्लिंग प्रत्यय

कृदंत स्त्रीलिंग प्रत्यय

जब संज्ञा शब्दों के अंत में अ, अंत, आई, आन, आवट, आस, आहट, ई, औती, आवनी, क, की, ती, नि आदि शब्द आते हैं। अर्थात जिन धातु शब्दों में हिंदी के कृदंत प्रत्यय लगे होते हैं वे स्त्रीलिंग होते हैं। इन स्त्रीलिंग कृदंत प्रत्ययों में अ, क और न प्रत्यय कहीं कहीं पर पुल्लिंग में भी आ जाते हैं।

जैसे :- लूट, चमक, देन, भिडंत, लखावत, प्यास, घबराहट, हँसी, मनौती, छावनी, बैठक, फुटकी, बचत, गिनती, करनी, सीवन आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

कृदंत पुल्लिंग कृदंत प्रत्यय

जब संज्ञा शब्दों के अंत में अक्कड, आ, आऊ, आक, आकू, आप, आपा, आव, इयल, इया, ऊ, एरा, ऐया, ऐत, औता, औना, औवल, क, का, न, वाला आदि शब्द आते हैं। अर्थात जिन धातु शब्दों में हिंदी कृदंत प्रत्यय लगे होते हैं वे पुल्लिंग होते हैं। क और न को उभयलिंग ही माना जाता है। इन दोनों प्रत्ययों को और स्त्रीलिंग प्रत्ययों को छोडकर सभी पुल्लिंग होते हैं।

जैसे:- भुलक्कड, मेरा, जीवाक, लड़ाकू, विलाप, बुढ़ापा, फिराव, छलावा, प्रियल, मुखिया, लुटेरा, समझौता दान आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

तद्धित स्त्रीलिंग प्रत्यय

जब संज्ञा शब्दों के अंत में आई, आवट, आस, आहट, इन, एली, ऑडी, ओटी, औती, की, टी, डी, त, ती, नी, ऋ, ल, ली आदि शब्द आते हैं। जिन धातु शब्दों में हिंदी तद्धित प्रत्यय लगते हैं वे स्त्रीलिंग होते हैं।

जैसे:- सिलाई, थकावट, खास, हथेली आदि शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

तद्धित पुल्लिंग प्रत्यय

जब संज्ञा शब्दों के अंत में आ, आऊ, आका, आटा, आना, आर, इयल, आल, आड़ी, आरा, आलू, आसा, ईला, उआ, ऊ, एरा, एड़ी, ऐत, एला, ऐला, ओटा, ओट, औड़ा, ओला, का, जा, टा, ड़ा, ता, पना, पन, पा, ला, वन्त, वान, वाला, वाँ, वा, सरा, सों, हर आदि आते हैं। जिन धातु शब्दों में हिंदी तद्धित प्रत्यय लगते हैं वे पुल्लिंग होते हैं।

जैसे:- पैताना, भिखारी, हत्यारा, मुँहासा, मछुआ, सँपेरा, डकैत, अधेला, चमोटा, लँगोटा, हथौड़ा, चुपका, दुखड़ा, रायता, कालापन, बुढ़ापा, गाड़ीवान, टोपीवाला, छठा आदि शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

संस्कृत शब्दों का लिंग निर्णय

संस्कृत के लिंग निर्णय को दो भागों में बाँटा जाता है।

  1. संस्कृत पुल्लिंग शब्द
  2. संस्कृत स्त्रीलिंग शब्द

संस्कृत पुल्लिंग शब्द

जिन संज्ञाओं के अंत में “त्र” होता है। जैसे:- चित्र, चरित्र, पत्र, पात्र, नेत्र, क्षेत्र, शस्त्र आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

नान्त (न अंत) संज्ञाएँ संस्कृत पुल्लिंग शब्दों में आती हैं। जैसे:- पालन, पोषण, चरण, हरन, गमन, नयन, वचन, दमन, दामन आदि।

जिन संज्ञाओं के अंत में “” होता है। जैसे:- जलज, स्वेदज, पिंडज, सरोज, जहाज आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

जिन संज्ञाओं के अंत में “त्व, त्य, व्, य” होता है। जैसे:- सतीत्व, बहुत्व, नृत्य, कृत्य, गौरव, माधुर्य आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “आस, वा, आर, आय” होता है। जैसे:- विस्तार, अध्याय, उपाध्याय, उपाय, समुदाय, विकार, संसार, उल्लास, विकास, ह्रास आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “” आते हैं। जैसे:- क्रोध, कलम, कमल, मोह, पाक, त्याग, दोष, स्पर्श आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “” आता है। जैसे:- चरित, फलित, गणित, गीत, मत, स्वागत आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “” आता है। जैसे:- नख, मुख, सुख, दुःख, लेख, मख, शख आदि संस्कृत शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

संस्कृत स्त्रीलिंग शब्द

अकारांत संज्ञाएँ, जैसे:- दया, माया, क्षमा, लज्जा, शोभा आदि संस्कृत शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

नकारांत संज्ञाएँ, जैसे:- प्रार्थना, वेदना, रचना, घटना आदि संस्कृत शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

उकारांत संज्ञाएँ, जैसे:- धातु, आयु, वस्तु, वायु, रेनू, रज्जू, जानू आदि संस्कृत शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “ति” और “नि” आता है। जैसे:- गति, रति, हानि, नीति, रीति, जीति, जाति, मति, ग्लानी, योनी आदि संस्कृत शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

जिन संज्ञा शब्दों के अंत में ता आता है। जैसे:- त्रमता, लघुता, सुन्दरता, प्रभुता,जड़ता, गीता आदि संस्कृत शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

इकारांत संज्ञाएँ, जैसे:- निधि, परिधि, विधि, राशि, अग्नि, छवि, केलि आदि संस्कृत शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

जिन संज्ञा शब्दों के अंत में “इमा” आता है। जैसे:- महिमा, गरिमा, कालिमा, लालिमा, रिधिमा आदि संस्कृत शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

उर्दू शब्दों का लिंग निर्णय

उर्दू शब्दों के लिंग निर्णय को दो भागों में बाँटा गया है।

  1. पुल्लिंग उर्दू शब्द
  2. स्त्रीलिंग उर्दू शब्द

पुल्लिंग उर्दू शब्द

जिन शब्दों के अंत में “आब” आता है, जैसे:- गुलाब, किताब, साहब आदि उर्दू शब्दों का लिंग पुल्लिंग है।

जिन उर्दू शब्दों के अंत में “आर” और “आन” होता है वे पुल्लिंग होते हैं, जैसे:- इकरार, बाजार, अहसान, इंकार, मकान आदि।

अकारांत पुल्लिंग उर्दू शब्द, जैसे:- परदा, चश्मा, गुस्सा आदि।

स्त्रीलिंग उर्दू शब्द

ईकारांत संज्ञा, जैसे:- गर्मी, सर्दी, गरीबी, अमीरी, चालाकी आदि उर्दू शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

शकारांत संज्ञा, जैसे:- नालिश, कोशिश, लाश, तलाश आदि उर्दू शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

तकारांत संज्ञा, जैसे:- दौलत, कसरत, अदालत, इजाजत आदि उर्दू शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

अकारांत संज्ञा, जैसे:- हवा, दवा, खास, दगा, दुनिया आदि उर्दू शब्दों का लिंग स्त्रीलिंग है।

हकारांत संज्ञा, जैसे:- सुबह, तरह, राह, सलाह आदि शब्दों उर्दू का लिंग स्त्रीलिंग है।

अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय

अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय दो भागों में बंटा होता है।

  1. अंग्रेजी पुल्लिंग शब्द
  2. अंग्रेजी स्त्रीलिंग शब्द

अंग्रेजी के पुल्लिंग शब्द

अंग्रेजी शब्दों में अकारांत संज्ञा पुल्लिंग होती है, जैसे:- ऑर्डर, आयल, ऑपरेशन, इंजिन, इंजीनियर, इंजेक्शन, एडमिशन, एक्सप्रेस, एक्सरे, ओवरटाइम, क्लास, कमीशन, कोट, कोर्ट, कैलेण्डर, कॉंलेज, कैरेम, कॉलर, कॉलबेल, काउण्टर, कारपोरेशन, कार्बन, कण्टर, केस, क्लिनिक, क्लिप, कार्ड, क्रिकेट, गैस, गजट, ग्लास, चेन, चॉकलेट, चार्टर, टॉर्च, टायर, ट्यूब, टाउनहाल, टेलिफोन, टाइम, टाइमटेबुल, टी-कप, टेलिग्राम, ट्रैक्टर, टेण्डर, टैक्स, टूथपाउडर, टिकट, डिवीजन, डान्स, ड्राइंग-रूम, नोट, नम्बर, नेकलेस, थर्मस, पार्क, पोस्ट, पोस्टर, पेन, पासपोर्ट, पेटीकोट, पाउडर, पेंशन, प्रोमोशन, प्रोविडेण्ट फण्ड, पेपर, प्रेस, प्लास्टर, प्लग, प्लेट, पार्सल, प्लैटफार्म, फुटपाथ, फुटबॉल, फार्म, फ्रॉक, फर्म, फैन, फ्रेम, फुलपैण्ट, फ्लोर, फैशन, बोर्ड, बैडमिण्टन, बॉर्डर, बाथरूम, बुशशर्ट, बॉक्स, बिल, बोनस, बजट, बॉण्ड, बोल्डर, ब्रश, ब्रेक, बैंक, बल्ब, बम, मैच, मेल, मीटर, मनिआर्डर, रोड, रॉकेट, रबर, रूल, राशन, रिवेट, रिकार्ड, रिबन, लैम्प, लेजर, लाइसेन्स, वाउचर, वार्ड, स्टोर, स्टेशनर, स्कूल, स्टोव, स्टेज, स्लीपर, स्टेल, स्विच, सिगनल, सैलून, हॉल, हॉंस्पिटल, हेयर, हैण्डिल, लाइट, लेक्चर, लेटर आदि।

अंग्रेजी के स्त्रीलिंग शब्द

अंग्रेजी शब्दों में ईकारांत संज्ञा स्त्रीलिंग होती है। जैसे:- एसेम्बली, कम्पनी, केतली, कॉपी, गैलरी, डायरी, डिग्री, टाई, ट्रेजेडी, ट्रेजरी, म्युनिसिपैलिटी, युनिवर्सिटी आदि।

लिंग से अक्सर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न: FAQ

1. लिंग किसे कहते हैं?

संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग कहते हैं। लिंग के दो भेद होते हैं:- पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।

2. लिंग के कितने भेद है?

हिन्दी में लिंग के दो भेद होते हैं- पुल्लिंग तथा स्त्रीलिंग, जबकि संस्कृत में लिंग तीन होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग तथा नपुंसक लिंग; और अंग्रेज़ी में चार लिंग होते हैं- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, उभयलिंग तथा नपुंसक लिंग।

3. लिंग से क्या समझते है?

संज्ञा में लिंग, वचन और कारक के कारण रुपांतर होता है। संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु के स्त्री या पुरुष जाति का होने का बोध होता हो उसे लिंग कहते हैं। हिंदी में लिंग के आधार पर संज्ञा में जो रुपांतर होता है, वह या तो पुरुष जाति के रूप में होता है या स्त्री जाति के रूप में।

4. हिन्दी में लिंग निर्धारण या लिंग निर्णय कैसे होता है?

व्याकरणाचार्यों ने लिंग  निर्णय के कुछ नियम बताये हैं लेकिन उन सभी में अपवाद है। लेकिन फिर भी लिंग निर्णय के कुछ नियम इस प्रकार है- (1) जब प्राणीवाचक संज्ञा पुरुष जाति का बोध कराएँ तो वे पुल्लिंग होते हैं और जब स्त्रीलिंग का बोध कराएँ तो स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- कुत्ता, हाथी, शेर पुल्लिंग हैं और कुत्तिया, हथनी, शेरनी स्त्रीलिंग हैं। (2) कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों लिंगों का बोध करती है तो वे नित्य पुल्लिंग में शामिल हो जाते हैं। जैसे:- खरगोश, खटमल, गैंडा, भालू, उल्लु आदि। (3) कुछ प्राणीवाचक संज्ञा जब पुरुष और स्त्री दोनों का बोध करे तो वे नित्य स्त्रीलिंग में शामिल हो जाते हैं। जैसे:- कोमल, चील, तितली, छिपकली आदि।

5. हिन्दी में अंग्रेजी शब्दों का लिंग निर्णय कैसे होता है?

अंग्रेजी शब्दों में सभी अकारांत संज्ञा पुल्लिंग होती है, जैसे- ऑर्डर, आयल, ऑपरेशन, इंजिन, इंजीनियर, इंजेक्शन, एडमिशन, एक्सप्रेस, एक्सरे, ओवरटाइम, क्लास, कमीशन, कोट, कोर्ट, कैलेण्डर, कॉंलेज, कैरेम, कॉलर, कॉलबेल, काउण्टर, कारपोरेशन, कार्बन आदि। जबकि सभी ईकारांत संज्ञा स्त्रीलिंग होती है, जैसे- एसेम्बली, कम्पनी, केतली, कॉपी, गैलरी, डायरी, डिग्री, टाई, ट्रेजेडी, ट्रेजरी, म्युनिसिपैलिटी, युनिवर्सिटी आदि।

कुछ अन्य लिंग के उदाहरण:

  1. अग्रज-अग्रजा
  2. अनुज-अनुजा
  3. अभिनेता-अभिनेत्री
  4. अभिमानी-अभिमानिनी
  5. अहीर-अहीरनी
  6. आचार्य-आचार्या
  7. आत्मज-आत्मजा
  8. आयुष्मान-आयुष्मती
  9. इंद्र-इंद्राणी
  10. ऊँट-ऊँटनी
  11. ऊचा-ऊची
  12. ओझा-ओझाइन
  13. कबूतर-कबूतरी
  14. कर्ता-करती
  15. कवि-कवयित्री
  16. कहार-कहारिन
  17. कांत-कांता
  18. काना-कानी
  19. काला-काली
  20. कुत्ता-कुतिया
  21. कुम्हार-कुम्हारिन
  22. कोठा-कोठी
  23. कौआ-मादा कौआ
  24. क्षत्रिय-क्षत्राणी
  25. गधा-गधी
  26. गायक-गायिका
  27. गीदड़-गीदड़ी
  28. गीदड़-मादा गीदड़
  29. गुड्डा-गुड़िया
  30. गुरू-गुरूआइन
  31. गूंगा-गूंगी
  32. गैंडा-मादा गैंडा
  33. गोप-गोपी
  34. गोरा-गोरी
  35. ग्वाला-ग्वालिन
  36. घोड़ा-घोड़ी
  37. चंचल-चंचला
  38. चंद्र-चांदनी
  39. चाचा-चाची
  40. चालक-चालिका
  41. चिड़ा-चिड़िया
  42. चिड़ा-चिड़ी
  43. चीता-मादा चिता
  44. चूहा-चुहिया
  45. चौबे-चौबाइन
  46. छाता-छतरी
  47. छात्र-छात्रा
  48. जाट-जाटनी
  49. जेठ-जेठानी
  50. ज्ञानवान-ज्ञानवती
  51. ठग-ठगिनी
  52. ठाकुर-ठाकुराइन
  53. डिब्बा-डिबिया
  54. डिब्बा-डिब्बी
  55. डॉक्टर-डॉक्टरनी
  56. तनुज-तनुजा
  57. तपस्वी-तपस्विनी
  58. तार्किक-तर्किकि
  59. तेजस-तेजस्वी
  60. तोता-मैंना
  61. दर्जी-दर्जिन
  62. दर्शक-दर्शिका
  63. दाता-दात्री
  64. दादा-दादी
  65. दास-दासी
  66. देवता-देवती
  67. देव-देवी
  68. देवर-देवरानी
  69. धनवान-धनवती
  70. नगर-नगरी
  71. नर गिलहरी-गिलहरी
  72. नर छिपकली-छिपकली
  73. नर जिराफ-मादा जिराफ
  74. नर नर्स-मादा नर्स
  75. नर भेड़-भेड़
  76. नर मक्खी-मक्खी
  77. नर मछली-मछली
  78. नर लोमड़ी-लोमड़ी
  79. नर विधार्थी-मादा विधार्थी
  80. नर-मादा
  81. नाग-नागिन
  82. नाग-नागिन
  83. नाटा-नाटी
  84. नाती-नातिन
  85. नाना-नानी
  86. नायक-नायिका
  87. नीरज-नीरजा
  88. नेता-नेत्री
  89. नेत्र-नेत्री
  90. नौकर-नौकरानी
  91. पंडित-पंडिताइन
  92. पंडित-पंडितानी
  93. पति-पत्नी
  94. पत्र-पत्रिका
  95. पहलवान-मादा पहलवान
  96. पहाड़-पहाड़ी
  97. पाठक-पाठिका
  98. पापी-पापिन
  99. पिता-माता
  100. पुत्र-पुत्री
  101. पुत्रवान-पुत्रवती
  102. पुरष-स्त्री
  103. पूज्य-पूज्या
  104. पोता-पोती
  105. प्रियतम-प्रियतमा
  106. प्रिय-प्रिया
  107. बंदर-बंदरिया
  108. बकरा-बकरी
  109. बलवान-बलवती
  110. बहरा- बेहरी
  111. बाघ-बाघिन
  112. बाबू-बबुआइन
  113. बालक-बालिका
  114. बाल-बाला
  115. बिलोता-बिल्ली
  116. बुद्धिमान-बुद्धिमती
  117. बूढ़ा-बुढ़िया
  118. बूढ़ा-बूढ़ी
  119. बेटा-बेटी
  120. बैल-गाय
  121. ब्राह्मण-ब्राह्मणी
  122. भगवान-भगवती
  123. भवदीय-भवदीया
  124. भाई-बहन
  125. भाई-भाभी
  126. भिक्षुक-भिक्षुका
  127. भील-भीलनी
  128. भील-भीलनी
  129. भैंसा-भैंस
  130. मच्छर-मादा मच्छर
  131. मज़दूर-मज़दूरनी
  132. मर्द-औरत
  133. माधव-माधवी
  134. मामा-मामी
  135. मालिक-मालकिन
  136. माली-मालिनी
  137. मुर्गा-मुर्गी
  138. मूर्ख-मूर्खा
  139. मोटा-मोटी
  140. मोर-मोरनी
  141. याचक-याचिका
  142. युवक-युवती
  143. रचयिता-रचयित्री
  144. राक्षस-राक्षसी
  145. राजपूत-राजपूतानी
  146. राजा-रानी
  147. रीछ-रीछनी
  148. लड़का-लड़की
  149. लाला-ललाइन
  150. लेखक-लेखिका
  151. लोटा-लुटिया
  152. लोभी-लोभिनि
  153. वनवासी-वनवासिनी
  154. वर-वधू
  155. विदूषक-विदुषी
  156. विधाता-विधत्री
  157. विधुर-विधवा
  158. वृद्ध-वृद्धा
  159. वृहद-वृहदा
  160. शिक्षक-शिक्षिका
  161. शिष्य-शिष्या
  162. शूद्र-शुद्रा
  163. शेर-शेरनी
  164. श्याम -श्यामा
  165. श्रीमान-श्रीमती
  166. सबल-सबला
  167. ससुर-सास
  168. साँप-साँपिन
  169. साधु-साध्वी
  170. सिंह-सिंहनी
  171. सुत-सुता
  172. सेठ-सेठानी
  173. स्वामी-स्वामिनी
  174. हाथी-हथिनी
  175. हिरन-हिरनी

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