सम्मेलन प्रविधि (Conference Technique) – सम्मेलन विधि द्वारा सीखना या अधिगम

Sammelan Pravidhi -  Sammelan Dwara Sikhna

आधुनिक समय में सम्मेलन प्रविधि का महत्व प्रत्येक क्षेत्र में व्याप्त है। सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक तथा शैक्षिक आदि क्षेत्रों में सम्मेलन प्रविधि का उपयोग किया जाता है। प्रजातन्त्र के मूल्यों तथा लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये सम्मेलन प्रविधि का विशेष महत्त्व है। अंग्रेजी में सम्मेलन को अनेक शब्दों से सम्बोधित किया जाता है।

जैसे– कॉन्फ्रेन्स (Confrence), कन्वेन्शन (Convention) तथा मीट (Meet) आदि।

सम्मेलन प्रविधि का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning and Definition of Conference)

सम्मेलन प्रविधि का अर्थ

शिक्षकों, अनुदेशकों तथा निर्देशकों की एक सभा होती है, जिसमें कक्षा, अनुदेशन एवं विद्यालय सम्बन्धी समस्याओं पर वाद-विवाद किया जाता है और वे किसी निर्णय पर पहुँचते हैं।

सम्मेलन प्रविधि की परिभाषा

सम्मेलन व्यक्तियों की एक सभा होती है, जिसमें उन्हें किसी एक साथ किसी विशिष्ट कार्य या समस्या पर चिन्तन तथा वाद-विवाद एक निश्चित समय में करना होता है।

सम्मेलन का आयोजन विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, दार्शनिक तथा राजनैतिक संगठनों द्वारा किया जाता है। शैक्षिक क्षेत्र में विभिन्न विषयों के संगठन द्वारा सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है। विशेष रूप से आज शोध के क्षेत्र में सम्मेलनों के आयोजनों को प्राथमिकता दी जाती है।

सम्मेलन का आयोजन तीन स्तरों पर किया जाता है-

  1. क्षेत्रीय स्तर सम्मेलन में क्षेत्र की समस्याओं को प्राथमिकता दी जाती है।
  2. राष्ट्रीय स्तर सम्मेलन में राष्ट्र सम्बन्धी शैक्षिक, धार्मिक, सामाजिक एवं राजनैतिक समस्याओं को महत्त्व दिया जाता है।
  3. अन्तर्राष्ट्रीय स्तर सम्मेलन में मानवीय समस्याओं, वैज्ञानिक आविष्कारों, नवीन उपागमों सम्बन्धी समस्याओं पर चिन्तन एवं विवेचन किया जाता है।

सम्मेलन प्रविधि के उद्देश्य (Objectives of Conference)

राष्ट्र, समाज, धर्म एवं शिक्षा तथा विज्ञान की विशिष्ट एवं तात्कालिक समस्याओं के अध्ययन एवं विवेचन की सम्मेलन एक प्रमुख प्रविधि है। सम्मेलन का उद्देश्य अधिक व्यापक होता है, जिसको ज्ञानात्मक तथा भावात्मक पक्षों के विकास के लिये किया जाता है।

सम्मेलन का लक्ष्य

सम्मेलन का लक्ष्य संगठन द्वारा निर्धारित किया जाता है, जैसे

  1. निर्गुट देश” संगठन का लक्ष्य ‘अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति स्थापित करना’ है।
  2. इसी प्रकार अध्यापक शिक्षा संघ‘ का लक्ष्य ‘अध्यापक शिक्षा में विकास एवं प्रगति करना एवं,
  3. भारतीय शैक्षिक तकनीकी संघ (AETA) का लक्ष्य शैक्षिक तकनीकी का प्रयोग एवं विकास’ करना है।

इस प्रकार सम्मेलन के उद्देश्य संगठन द्वारा निर्धारित किये जाते हैं।

सम्मेलन प्रविधि के सदस्य एवं संचालनकर्त्ता

सम्मेलन का अध्यक्ष एवं मंत्री होता है। वही सम्मेलन की व्यवस्था एवं संचालन करता है। उसका कार्य विचारों को संगठित करना, वाद-विवाद को प्रकरण पर रखना, अन्त में वक्ताओं, अतिथियों एवं सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करना भी होता है।

वक्तागण अपने प्रपत्रों के प्रमुख पक्षों को प्रस्तुत करते हैं तथा सदस्यों की प्रतिक्रियाओं पर अपना स्पष्टीकरण देते हैं। सदस्यगण अपने अनुभवों एवं निरीक्षणों को प्रस्तुत कर सकते हैं और प्रकरण से सम्बन्धित समस्याओं को रख सकते हैं।

सदस्यों को दूसरों के विचारों की सराहना करने तथा आलोचना करने का पूर्ण अधिकार होता है। अध्यक्ष का चयन संगठन के स्थायी सदस्यों में से ही किया जाता है। निर्गुट देश सम्मेलन सन् 1986 में श्रीमती इन्दिरा गाँधी को अध्यक्ष चुना गया था।