लोट् लकार
आशिषि लिङ् लोटौं– आज्ञा, प्रार्थना अनुमति, आशीर्वाद आदि का बोध कराने के लिये लोट् लकार का प्रयोग किया जाता है। जैसे–
- आज्ञा– त्वं गृहं गच्छ। (तुम घर जाओ।)
- प्रार्थना– भवान मम गृहं आगच्छतु। (आप मेरे घर आयें।)
- अनुमति– अहं कुत्र गच्छानि? (मैं कहाँ जाऊँ ?)
- आशीर्वाद– त्वं चिरं जीव। (तुम बहुत समय तक जियो।)
लोट् लकार धातु रूप उदाहरण
भू / भव् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथमपुरुषः | भवतु/भवतात् | भवताम् | भवन्तु |
मध्यमपुरुषः | भव/भवतात् | भवतम् | भवत |
उत्तमपुरुषः | भवानि | भवाव | भवाम |
कथ् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | कथयतु/कथयतात् | कथयताम् | कथयन्तु |
मध्यम पुरुष | कथय/कथयतात् | कथयतम् | कथयत |
उत्तम पुरुष | कथयानि | कथयाव | कथयाम |
पठ धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | पठतु | पठताम् | पठन्तु |
मध्यम पुरुष | पठ | पठतम् | पठत |
उत्तम पुरुष | पठानि | पठाव | पठाम |
हस् धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | हसतात्/हसतु | हसताम् | हसन्तु |
मध्यम पुरुष | हस/हसतात् | हसतम् | हसत |
उत्तम पुरुष | हसानि | हसाव | हसाम |
पत् (गिरना) धातु
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथम पुरुष | पततु | पतताम् | पतन्तु |
मध्यम पुरुष | पत | पततम् | पतत |
उत्तम पुरुष | पतानि | पताव | पताम |
लोट् लकार के उदाहरण
पुरुष | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
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प्रथम पुरुष | वह पढ़े। सः पठतु। |
वे दोनों पढ़े। तौ पठताम्। |
वे सब पढ़े। ते पठन्तु। |
मध्यम पुरुष | तुम पढ़ो। त्वं पठ। |
तुम दोनों पढ़ो। युवां पठतम्। |
तुम सब पढ़ो। यूयम् पठत। |
उत्तम पुरुष | मैं पढ़ूँ। अहं पठानि। |
हम दोनों पढ़े। आवां पठाव। |
हम सब पढ़े। वयं पठाम। |
लोट् लकार में अनुवाद or लोट् लकार के वाक्य
- त्वम् उपविश। – तुम बैठो।
- भवन्तः पठन्तु। – आप लोग पढ़िए।
- श्याम भवान् मया सह चलतु। – श्याम, मेरे साथ चलो।
- श्याम, त्वं मया सह चल। – श्याम, मेरे साथ चलो।
- श्यामः मया सह चलतु। – श्याम को मेरे साथ चलने दो।
- बालका: उद्याने क्रीडन्तु। – बच्चो को खेलने दो।
- शिष्य: पाठं पठतु। – शिष्यों को पढ़ने दो।
- अहं भोजनं खादानि किम् ? – क्या मैं भोजन खा लूँ ?
- नंदाम शरदः शतम्। – हम सैकड़ो वर्षोँ के लिए आनन्दित रहें।
- राम त्वं जलम् पिब। – राम तुम जल पियो।
- राम जलम् पिब। – राम जल पियो।
- भवन्तः जलम् पिबन्तु। – आप जल पीजिये।
लोट् लकार के अन्य हिन्दी वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद और उदाहरण
- वह मेरा मित्र हो जाए। – असौ मम सुहृद् भवतु।
- वे दोनों मित्र सफल हों। – तौ वयस्यौ सफलौ भवताम्।
- मेरा मित्र आयुष्मान् हो। – मम सखा आयुष्मान् भवतु (भवतात्)।
- तुम्हारे बहुत से मित्र हों। – तव बहवः मित्राणि भवन्तु।
- तू सफल हो। – त्वं सफलः भव (भवतात्)।
- इस समय तुम दोनों को यहाँ होना चाहिए। – एतस्मिन् समये युवाम् अत्र भवतम्।
- तुम सब वर्चस्वी होओ। – यूयं वर्चस्विनः भवत।
- मैं कहाँ होऊँ ? – अहं कुत्र भवानि ?
- हम दोनों उस मित्र के घर होवें ? – आवां तस्य मित्रस्य गृहे भवाव ?
- हम सब यहाँ विराजमान हों। – वयम् अत्र विराजमानाः भवाम।
- हम सभी जीवों के मित्र हों। – वयं सर्वेषां जीवानां मित्राणि भवाम।
- वह लोभी वैद्य मेरे पास नहीं होना चाहिए। – सः गृध्नुः भिषक् मम समीपे मा भवतु।
- वे दोनों लोभी पुरुष कार्यालय में न हों। – तौ गर्धनौ पुरुषौ कार्यालये न भवताम्।
- जब मैं यहाँ होऊँ तब वे लोभी यहाँ न हों। – यदा अहम् अत्र भवानि तदा ते लुब्धाः अत्र न भवन्तु।
- तुम लोभी मत बनो। – त्वम् अभिलाषुकः मा भव।
- धन से मतवाले मत होओ। – धनेन मत्तः मा भव।
- तुम दोनों महालोभियों को तो महालोभियों के बीच ही होना चाहिए। – युवां लोलुपौ तु लोलुभानां मध्ये एव भवतम्।
- तुम सब प्रसन्नता से मतवाले मत होओ। – यूयं प्रसन्नतया उत्कटाः मा भवत।
- हे भगवान् ! मैं आपकी कथा का लोभी होऊँ। – हे भगवन्! अहं भवतः कथायाः लोलुपः भवानि।
- मैं आपके सौन्दर्य का लोलुप होऊँ। – अहं भवतः सौन्दर्यस्य लोलुभः भवानि।
- हम दोनों धन के लोभी न हों। – आवां धनस्य अभिलाषुकौ न भवाव।
- धन पाकर हम सब मतवाले न हों। – धनं लब्ध्वा वयं शौण्डाः न भवाम।
- ज्ञान से उच्छृङ्खल न हों। – ज्ञानेन उद्धताः न भवाम।
- वे मतवाले हमारे पास कभी न हों। – ते क्षीबाः अस्माकं समीपे कदापि न भवन्तु ।