आशीर्लिन्ग लकार – (आशीर्वादात्मक), वाक्य, उदाहरण, अर्थ – संस्कृत

Ashirling Lakar

आशीर्लिन्ग लकार

आशी: – आशीर्वाद के अर्थ में आशीलिङ् लकार का प्रयोग किया जाता है, जैसे– रामः विजीयात्। (राम विजयी हो।)

आशीर्लिन्ग लकार का प्रयोग केवल आशीर्वाद अर्थ में ही होता है। महामुनि पाणिनि जी ने सूत्र लिखा है – “आशिषि लिङ्लोटौ।” अर्थात् आशीर्वाद अर्थ में आशीर्लिङ् लकार और लोट् लकार का प्रयोग करते हैं। जैसे – सः चिरञ्जीवी भूयात् = वह चिरञ्जीवी हो।

आशीर्लिन्ग लकार के प्रयोग बहुत कम दिखाई पड़ते हैं, और जो भी हैं वे सर्वाधिक भू धातु के ही होते हैं। अतः आपको भू धातु के ही रूप स्मरण कर लेना है बस।

आशीर्लिन्ग लकार धातु रूप उदाहरण

भू / भव् धातु

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमपुरुषःभूयात्भूयास्ताम्भूयासुः
मध्यमपुरुषःभूयाःभूयास्तम्भूयास्त
उत्तमपुरुषःभूयासम्भूयास्वभूयास्म

अस् (होना) धातु

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषभूयात्भूयास्ताम्भूयासुः
मध्यम पुरुषभूयाःभूयास्तम्भूयास्त
उउत्तम पुरुषभूयासम्भूयास्वभूयास्म

पिब् (पीना) धातु

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषपिब्यात्पिब्यास्ताम्पिब्यासुः
मध्यम पुरुषपिब्याःपिब्यास्तम्पिब्यास्त
उत्तम पुरुषपिब्यासम्पिब्यास्वपिब्यास्म

लिख् धातु

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषलिख्यात्लिख्यास्ताम्लिख्यासुः
मध्यम पुरुषलिख्याःलिख्यास्तम्लिख्यास्त
उत्तम पुरुषलिख्यासम्लिख्यास्वलिख्यास्म

कर्ता, क्रिया, पुरुष तथा वचन अनुसार आशीर्लिङ् लकार के उदाहरण

पुरुषएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथम पुरुषवह पढे।
सः पठ्यात्।
वे दोनों पढ़े।
तौ पठ्यास्ताम्।
वे सब पढ़े।
ते पठ्यासु।
मध्यम पुरुषतुम पढ़ो।
त्वं पठ्याः।
तुम दोनों पढ़ो।
युवां पठ्यास्तम्।
तुम सब पढ़ो।
यूयं पठ्यास्त।
उत्तम पुरुषमैं पढ़ूँ।
अहं पठ्यासम्।
हम दोनों पढ़े।
आवाम् पठ्यास्व।
हम सब पढ़े।
वयम् पठ्यास्म।

आशीर्लिन्ग लकार में अनुवाद or आशीर्लिन्ग लकार के वाक्य

  • हम सब राष्ट्रभक्त हों। – वयं राष्ट्रभक्ताः भूयास्म।
  • हम सब चिरञ्जीवी हों। – वयं चिरञ्जीविनः भूयास्म।
  • तेरा पुत्र यशस्वी हो। – तव पुत्रः यशस्वी भूयात्।
  • तुम्हारी दोनों पुत्रियाँ यशस्विनी हों। – तव उभे सुते कीर्तिमत्यौ भूयास्ताम्।
  • आपके सभी पुत्र दीर्घायु हों। – भवतः सर्वे तनयाः चिरञ्जीविनः भूयासुः।
  • तू आयुष्मान् हो। – त्वं जैवातृकः भूयाः।
  • तुम दोनों यशस्वी होओ। – युवां समज्ञावन्तौ भूयास्तम्।
  • तुम सब दीर्घायु होओ। – यूयं जैवातृकाः भूयास्त।
  • मैं दीर्घायु होऊँ। – अहं चिरजीवी भूयासम्।
  • हम दोनों यशस्वी होवें। – आवां समज्ञावन्तौ भूयास्व।
  • हम सब आयुष्मान् हों। – वयम् आयुष्मन्तः भूयास्म।
  • यह गर्भिणी वीर पुत्र को उत्पन्न करने वाली हो। – एषा आपन्नसत्त्वा वीरप्रसविनी भूयात्।
  • ये सभी स्त्रियाँ पतिव्रताएँ हों। – एताः सर्वाः योषिताः सुचरित्राः भूयासुः।
  • ये दोनों पतिव्रताएँ प्रसन्न रहें। – एते सुचरित्रे मुदिते भूयास्ताम्।
  • हे स्वयं पति चुनने वाली पुत्री ! तू पति की प्रिय होवे। – हे पतिंवरे पुत्रि ! त्वं भर्तुः प्रिया भूयाः।
  • तुम दोनों पतिव्रताएँ होवो । – युवां सत्यौ भूयास्तम् ।
  • वशिष्ठ ने दशरथ की रानियों से कहा – वशिष्ठः दशरथस्य राज्ञीः उवाच
  • तुम सब वीरप्रसविनी होओ। – यूयं वीरप्रसविन्यः भूयास्त ।
  • मैं मधुर बोलने वाला होऊँ। – अहं मधुरवक्ता भूयासम्।
  • सावित्री ने कहा – सावित्री उवाच
  • मैं स्वयं पति चुनने वाली होऊँ। – अहं वर्या भूयासम्।
  • माद्री और कुन्ती ने कहा -माद्री च पृथा च ऊचतुः
  • हम दोनों वीरप्रसविनी होवें। – आवां वीरप्रसविन्यौ भूयास्व ।