व्यक्तित्व के प्रकार – Vyaktitva Ke Prakar या वर्गीकरण

व्यक्तित्व के प्रकार (Types of Personality): व्यक्तित्व के सन्दर्भ में अलग-अलग शिक्षाशास्त्रियों ने अपने विचार पृथक्-पृथक् किये हैं, जिनका विवरण नीचे दिया जा रहा है-

  1. केश्मर के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
  2. शेल्डन के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
  3. विलियम जेम्स के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
  4. न्यूमैन तथा स्टर्न के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
  5. शैल्डन के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
  6. मनोविश्लेषणवादी युंग के अनुसार व्यक्तित्व के प्रकार
    1. अन्तर्मुखी
    2. बहिर्मुखी
  7. उभयमुखी या उभयोमुखी व्यक्तित्व
  8. आधुनिक वर्गीकरण
Vyaktitva Ke Prakar, Vargikaran

केश्मर ने व्यक्तित्व के चार प्रकार बताये हैं

  1. पिकनिक (Picnic)– इस प्रकार के व्यक्ति साहसी, छोटे, पुष्ट और गोल आकृति के होते हैं।
  2. एस्थेनिक (Asthenic)– इस प्रकार के व्यक्ति पतले, चपटे, गोल, कोमल शारीरिक गठन वाले, लम्बे अंग वाले, चपटे तथा तंग सीने वाले होते हैं।
  3. एथलेटिक (Atheletic)– इस प्रकार के व्यक्ति अच्छी माँसपेशी वाले होते हैं। इनके कन्धे चौड़े, हाथ लम्बे और पुष्ट अंगों वाले होते हैं। मनोरोगी होने पर इस प्रकार के व्यक्ति मनोविदलता से पीड़ित हो सकते हैं।
  4. डिस्प्लास्टिक (Dysplastic)– यह व्यक्ति अनुचित शारीरिक अनुपात वाले तथा विशेष शारीरिक गठन रखने वाले होते हैं। इस प्रकार के व्यक्तित्व के व्यक्तियों में शारीरिक विकास की अनेक असमान्यताएँ भी पायी जाती हैं।

क्रेश्मर ने यह निष्कर्ष निकाला है कि एस्थेटिक तथा एथलेटिक शारीरिक रचना वाले व्यक्ति शर्मीले, अकेले रहने वाले तथा संवेदनशील होते हैं। वे सामाजिक सम्पर्कों से अलग रहते हैं। वे दिवास्वप्न में अपना अधिक समय बिताते हैं। संवेगात्मक रूप से दमित तथा समस्याओं के प्रति सैद्धान्तिक एवं आदर्शवादी होते हैं। पिकनिक प्रकार के व्यक्ति बातूनी, दयालु तथा सामाजिक सम्पर्क रखने वाले होते हैं।

शेल्डन ने तीन प्रकार के व्यक्तित्व बताये हैं

  1. एण्डोमार्फिक (Andomarphic)– इस प्रकार के शारीरिक गठन वाले व्यक्ति गोल-मटोल तथा नरम होते हैं। ऐसे व्यक्ति आराम पसन्द, भावुक तथा सुख चाहने वाले होते है।
  2. मेसोमार्फिक (Mesomarphic)– ऐसे व्यक्ति गठीले तथा मजबूत शरीर वाले होते हैं। यह व्यक्ति स्वभाव से क्रियाशील, शक्तिशाली तथ आक्रामक एवं फुर्तीले स्वभाव के होते हैं। इनमें उपलब्धि का स्तर उच्च होता है।
  3. एक्टोमार्फिक (Ectomarphic)– इस प्रकार के गठन वाले व्यक्ति दुबले-पतले तथा कमजोर शरीर वाले होते हैं। स्वभाव से संवेदनशील, नाजुक, बौद्धिक और पलायनवादी होते हैं।

विलियम जेम्स ने दो प्रकार के व्यक्ति बताये हैं-

  1. कोमल हृदय वाले (Self minded)– इनका व्यवहार अमूर्त सिद्धान्तों के द्वारा निर्देशित होता है। ऐसे व्यक्ति बुद्धिजीवी, आशावादी, आदर्शवादी, आस्तिक तथा पूर्वाग्राही होते हैं।
  2. कठोर हृदय वाले (Tough hearted)–  ऐसे व्यक्ति विचारों की अपेक्षा शारीरिक संवेदनाओं में अधिक रुचि रखते हैं। ऐसे व्यक्ति भौतिकवादी, निराशावादी, अधार्मिक तथा संशयवादी होते हैं।

न्यमैन तथा स्टर्न ने व्यक्तित्व को दो भागों में वर्गीकृत किया है-

  1. विश्लेषणात्मक – विश्लेषणात्मक व्यक्ति किसी बात के सूक्ष्मतम अध्ययन में बड़ी रुचि रखते हैं.
  2. संश्लेषणात्मक – संश्लेषणात्मक व्यक्ति समीक्षा करना प्राय: पसन्द नहीं करते।

शैल्डन ने शारीरिक गुणों के आधार पर व्यक्तित्व के तीन प्रकार  बताये है-

  1. कोमल एवं गोलाकार
  2. आयताकार
  3. लम्बाकार

मनोविश्लेषणवादी युंग ने व्यक्तित्व को दो भागों में बाँटा है

  1. अन्तर्मुखी (Introvert)
  2. बहिर्मुखी (Extrovert)

अन्तर्मुखी व्यक्तित्व (Introvert personality)

ऐसा व्यक्ति चिन्तनशील होता है, अपनी ही ओर केन्द्रित रहता है, कर्त्तव्यपरायण होता है, प्रतिक्रियावादी होता है तथा कष्टों के प्रति सजग रहता है।

अन्तर्मुखी व्यक्तित्व की विशेषताएँ (Characteristics of introvert personality)-

अन्तर्मुखी व्यक्तित्व की निम्न विशेषताएँ हैं-

  • बाह्य जगत की वस्तुओं से कम अनुराग होता है।
  • वे एकांकी होते हैं।
  • कर्त्तव्यपरायण होते हैं तथा समय का सदैव ध्यान रखते हैं।
  • यह व्यवहार कुशल नहीं होते, हँसी मजाक एवं व्यर्थ के छलों आदि में नहीं फंसते सस्ती लोकप्रियता के इच्छुक नहीं होते।
  • युंग ने अन्तर्मुखी व्यक्तियों को विचार प्रधान, भाव प्रधान, तर्क प्रधान तथा दिव्यदृष्टि प्रधान चार रूपों में विभक्त किया जाता है।
  • चिन्ताग्रस्त होते हैं, अपनी वस्तुओं तथा कष्टों के प्रति सजग होते हैं।
  • भाव प्रधान होते हैं, आत्मचिन्तन करते हैं, आत्मोद्वार हेतु लीन होते देखे गये हैं।
  • कर्त्तव्यपरायण एवं आज्ञाकारी होते हैं, परन्तु शीघ्र ही घबराने लगते हैं।
  • कम वाचाल होते हैं, लज्जावान होते हैं और पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं में रुचि लेते हैं।
  • स्वयं के लिये चिन्तनशील होते हैं,शान्त मुद्रा में रहते हैं।
  • अच्छे लेखक होते हैं, परन्तु अच्छे वक्ता नहीं, क्योंकि चिन्तन का धरातल प्रबल होता है। इनके उदाहरण हैं; जैसे-काण्ट, टैगोर, न्यूटन आदि।
  • ये प्रायः प्रतिक्रियावादी होते हैं। अपने विचारों को यथार्थ की ओर ले जाने में कोई श्रद्धा नहीं, परन्तु यथार्थ को अपने स्वभाव के अनुरूप ढालने का प्रयास करते हैं।

बहिर्मुखी व्यक्तित्व (Extrovert personality)

ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति की रूचि बाह्य जगत में होती है। आध्यात्मिक विषयों में उसकी रुचि नहीं होती।

बहिर्मुखी व्यक्तित्व की निम्न विशेषताएँ हैं-

  • इनमें कार्यकुशलता की मात्रा अन्तर्मखी व्यक्ति से अधिक होती है।।
  • अचेतन मन स्वार्थी होता है, परन्त चेतन मन में स्वार्थ के प्रति घृणा होती है।
  • ये सबको प्रसन्न करने वाले होते हैं तथा प्रशंसकों से घिरे रहने की कामना करते हैं।
  • व्यवहारकुशल होते हैं, विचार प्रधान होते हैं तथा निर्णय भी भावों के अनुरूप ही लेते हैं।
  • साहस का कार्य करने वाले एवं कार्य के प्रति दृढ़ता का भाव रखने वाले होते हैं।
  • शासन करने का स्वभाव होता है, कष्टों अथवा परेशानियों से घबराते नहीं हैं।
  • आशावादी तथा परिस्थिति के अनुरूप अपने को ढालने वाले होते हैं।
  • वातावरण के प्रभाव से शीघ्र प्रभावित होते हैं तथा वातावरण के साथ आसानी से अनुकूलन कर लेते हैं।
  • आत्मचिन्तनशील नहीं होते, परन्तु सभी के विचारों के आधार पर अपना विचार प्रकट करते हैं।
  • बाह्य जगत में लगाव रहता है, बाह्य क्रियाओं की ओर संवेदनशील होते हैं।
  • अनियन्त्रित, अभिमानी तथा आक्रमक होते हैं।
  • स्वयं की पीड़ा, परिस्थिति की चिन्ता नहीं करते. प्राय: चिन्तामक्त होते हैं।
  • सबसे मैत्रीपूर्ण व्यवहार करने वाले तथा धारा प्रवाह बोलने वाले होते हैं।
  • संसार में उन्हें प्रशंसा मिले तथा लोग आदर की दृष्टि से देखें, यह उनकी आकांक्षा रहती है। इसे बनाये रखने हेतु वे सदैव अच्छे गुणों को व्यवहार में लाते हैं।

उभयमुखी या उभयोमुखी व्यक्तित्व

कुछ ऐसे भी व्यक्ति होते हैं, जो दोनों का सम्मिश्रण होते हैं, उन्हें उभयोमुखी (Double-faced) या विकासोन्मुखी (Ambivert) कहते हैं।

आधुनिक वर्गीकरण

Modern classification of personality

यह वर्गीकरण तीन प्रकार के व्यक्तित्व पर आधारित होता है, जो इस प्रकार हैं–

  1. भावुक व्यक्ति (Men of feelings)– ये व्यक्ति अधिक भावुक होते हैं। इनकी क्रियाएँ भावनाओं से संचालित होती हैं।
  2. कर्मशील व्यक्ति (Menof actions)– इन व्यक्तियों की रुचि रचनात्मक कार्यो में अधिक होती है। अतः ये व्यक्ति हर समय अपने को किसी न किसी रचनात्मक कार्य में लगाये रखते हैं।
  3. विचारशील व्यक्ति (Men of thoughts)– ये व्यक्ति उच्चकोटि के विचारक होते हैं। ये लोग किसी कार्य को करने से पूर्व भली-भाँति सोच-विचार करते हैं।

इस प्रकार अलग-अलग व्यक्तियों के अलग गुण होने के कारण उनके दष्टिकोण में अन्तर पाया जाता है। इनके दृष्टिकोणों का अध्ययन कर हम इनके व्यक्तित्व के विभिन्न पक्षों में विकास करने का प्रयास कर सकते हैं तथा इनको उचित मार्ग-दर्शन परिवार में मातापिता तथा विद्यालय में शिक्षक दे सकते हैं।

कार्य-पुस्तकों, निर्देशन पुस्तकों तथा विचार पुस्तकों के अतिरिक्त सृजनात्मकता के विकास के लिये दृश्य-शृव्य सामग्री भी विकसित की जा सकती है।

इन साधनों और सामग्री के अतिरिक्त अब सृजनात्मक चिन्तन हेतु फिल्म भी बनायी जाने लगी हैं, जिनमें से एक फिल्म है- Christopher जो 25 मिनट की फिल्म है।

इस प्रकार की फिल्मों में तनावपूर्ण घटनाएँ दिखायी जाती हैं और फिल्म की कहानी को शिखर तक पहुँचाकर फिल्म समाप्त कर दी जाती है। बालकों को कहानी का अन्त स्वयं सोचने के लिये कहा जाता है।

इस प्रकार विभिन्न साधन एवं सामग्री सृजनात्मक विकास में सहायक हो सकते हैं।