बुद्धि-लब्धि – बुद्धि लब्धि एवं बुद्धि का मापन – Buddhi Labdhi

इस लेख के माध्यम से आज हम जानेंगे “बुद्धि लब्धि क्या है? एवं बुद्धि का मापन कैसे होता है?, बुद्धि का विभाजन, बुद्धि का मापन और बिने के बुद्धि-लब्धि परीक्षा प्रश्न” आदि के बारे में। Buddhi Labdhi निकालने के लिये मानसिक आयु को वास्तविक आयु से भाग दिया जाता है। विस्तार से जानने के लिए पूरा पढ़ें।

Buddhi Labdhi, Buddhi Ka Mapan
  1. बुद्धि लब्धि एवं बुद्धि का मापन
  2. बुद्धि का विभाजन
  3. बुद्धि का मापन
  4. बिने के बुद्धि-लब्धि परीक्षा प्रश्न

बुद्धि लब्धि एवं बुद्धि का मापन

Intelligence Quotient and It’s Measurement

बुद्धि-लब्धि बालक में स्थित बुद्धि की मात्रा का मापन है। टरमैन ने मानसिक आयु के बदले बुद्धि-लब्धि की विधि खोजी और निम्नलिखित सूत्र निकाला-

बुद्धि-लब्धि निकालने के लिये मानसिक आयु को वास्तविक आयु से भाग दिया जाता है; जैसे-

Buddhi Labdhi

जैसे-यदि बालक की वास्तविक आयु 8 वर्ष है और वह 10 वर्ष के सामान्य बालको का कार्य पूर्ण कर लेता है तो उसकी मानसिक आयु 10 वर्ष होगी।

  • दशमलव को पूर्ण बनाने के लिये 100 से गुणा कर देते हैं।

बुद्धि-लब्धि प्रतिभा का सूचकांक है। प्रतिभा की यह मात्रा या मानसिक अभिवृद्धि टरमैन द्वारा बनायी गयी एवं डॉ. मैरिलक द्वारा स्वीकृत की गयी तालिका द्वारा प्रदर्शित की गयी है-

बुद्धि-लब्धि प्रतिभा
140-169 अति प्रतिभाशाली
120-139 प्रतिभाशाली
110-119 अति उत्कृष्ट
90-109 उत्कृष्ट
80-89 सामान्य
70-79 मंद
60-69 निर्बल बुद्धि
50-59 हीन बुद्धि
25-49 मूर्ख
0-24 जड़
Shiksha Ki Aayu and Shiksha Labdhi

बर्ट ने अपनी पुस्तक ‘मानसिक तथा शिक्षा-लब्धि परीक्षण‘ में बुद्धि के आधार पर वर्गीकरण तथा शिक्षा की आयु एवं शिक्षा-लब्धि को स्पष्ट किया। इसे विभिन्न बुद्धि परीक्षणों से मापा जाता है।

बुद्धि का विभाजन

Intelligence Dividation

‘टरमैन’ तथा ‘मैरिल’ने बुद्धि का विभाजन अपने एक सर्वेक्षण के आधार पर किया। आपने 3184 छात्रों पर प्रयोग करके बुद्धि विभाजन निम्नलिखित रूप से प्रस्तुत किया-

बुद्धि-लब्धि प्रसार विवरण प्रतिशत
140 से ऊपर प्रतिभावान् (Genius) 0.5
130-139 बहुत अच्छे (Very superior) 3.0
120-129 अच्छे (Superior) 7.0
110-119 प्रखर (Bright) 14.0
100-109 उच्च सामान्य (High normal) 25.0
90-99 निम्न सामान्य (Low normal)  25.0
80-89 मन्द बुद्धि (Dull) 14.5
70-79 हीन (Inferior) 7.0
60-60 से नीचे जड़ (Feeble minded) 0.5

भारतीय परिस्थितियों एवं पर्यावरण के अन्तर्गत विभिन्न मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि परीक्षणों पर कार्य किये। डॉ. कामथ ने बुद्धि का विवरण निम्नलिखित प्रकार से प्रस्तुत किया है-

वर्ग (Class) बुद्धि-लब्धि (1.Q.) प्रतिशत
प्रतिभाशाली 140 से ऊपर 0.5
असामान्य 130 से 139.5 3.5
अत्यन्त उच्च 120 से 129.5 9.0
उच्च 110 से 119.5 15.0
सामान्य 90 से 109.5 42.0
पिछड़े 80 से 99.5 15.0
अत्यन्त पिछड़े 70 से 79.5 9.0
सीमा पर 60 से 69.5 3.5
मूर्ख 50 से 59.5 1.5
मन्द बुद्धि 40 से 39.5 0.5
जड़ बुद्धि 30 से नीचे 0

बुद्धि का मापन

Measurement of Intelligence

बुद्धि को मापने के लिये सन् 1911 में बिने तथा साइमन ने मिलकर एक परीक्षण पत्रक तैयार किया। सन् 1915 एवं 16 में क्रमश: बर्ट तथा टरमैन ने भी बिने प्रश्नावली में संशोधन किया तथा टरमैन ने बुद्धि-लब्धि का मान निकाला।

सन् 1957 में टरमैन तथा मैरिल द्वारा नवीन संशोधित स्केल तैयार किया गया इसमें ‘M’ तथा ‘T’दो समान परीक्षण पत्रक हैं। बिने ने बुद्धि मापन का मनोवैज्ञानिक आधार प्रस्तुत किया। उन्होंने उच्च मानसिक प्रक्रियाओं की परीक्षा की अर्थात् व्यक्ति के समझाने की शक्ति, सारांश निकालने की शक्ति, परिस्थिति के अनुसार विचार करने की शक्ति तथा ध्यान एकाग्र करने की शक्ति आदि की परीक्षा लेकर बुद्धि का अनुमान लगाया।

वह शक्ति मनोविज्ञान (Faculty of psychology) में विश्वास नहीं रखते थे। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क की विभिन्न शक्तियाँ परस्पर गुथी हुई हैं, उन्हें अलग नहीं किया जा सकता। उन्होंने तीन विशेषताओं प्रयोजनता (Purposefulness), नयी परिस्थिति में अपने को व्यवस्थित करने की योग्यता (Capacity to make adaptation) तथा आत्मलोचन करने की शक्ति (Power of self-criticism) पर बल दिया।

बिने के बुद्धि-लब्धि परीक्षा प्रश्न

(Intelligence Test Questions of Binet)

3 वर्ष की आयु के लिये प्रश्न

  1. तुम्हारी नाक, आँख और मुँह कहाँ है?
  2. अंकों से बनी संख्या को दोहराना।
  3. 6 शब्दों से बने वाक्य को दोहराना।
  4. अपना अन्तिम नाम बताइये।

4 वर्ष की आयु के लिये प्रश्न

  1. तुम लड़की हो या लड़का।
  2. तीन अंकों की संख्याओं को दोहरायें।
  3. कुन्जी, चाकू और सिक्का दिखाकर, ये क्या है?

5 वर्ष की आयु के लिये प्रश्न

  1. विभिन्न भार के बक्सों की तुलना करना।
  2. वर्ग को दिखाकर उसे खिंचवाना।
  3. धैर्य से खेल-खेलने को कहना।
  4. चार सिक्कों को गिनवाना।
  5. 11 शब्द-खण्डों वाले वाक्य को दोहराना।

8 वर्ष की आयु के लिये प्रश्न

  1. 20 से 0 तक पीछे की ओर गिनने को कहना।
  2. दिन और तारीखों के नाम पूछना।
  3. 5 अंकों की बनी संख्या को दोहराना।
  4. 9 सिक्कों को गिनवाना।
  5. 4 रंगों के नाम बताना।
  6. किसी गद्य-खण्ड को पढ़वाना और दो बातों को याद रखने को कहना।

11 वर्ष की आयु के लिये प्रश्न

  1. निरर्थक कथनों की आलोचना करवाना।
  2. किसी वाक्य में तीन शब्द प्रयुक्त करवाना।
  3. 3 मिनट में 60 शब्द कहलवाना।
  4. अमूर्त वस्तुओं की परिभाषा करवाना।
  5. किसी वाक्य के अव्यवस्थित शब्दों को व्यवस्थित करवाना।

15 वर्ष की आयु के लिये प्रश्न

  1. 7 अंकों को दोहराना ।
  2. एक मिनट में दिये हुए शब्द से 3 प्रकार की लय निकलवाना !
  3. 26 शब्दों से बने वाक्य को दोहराना।

अन्य आयु-स्तर के बालों के लिये (6,7,9,10,12,13,14) भी प्रश्न निर्धारित किये। सन् 1916 में 3 वर्ष तथा 6 वर्ष के लिये टरमैन ने ‘सेण्डफोर्ड-बिने बद्धि परीक्षा प्रश्न‘ तैयार किये।

सेण्डफोर्ड-बिने बद्धि परीक्षा प्रश्न

3 वर्ष की आयु के लिये प्रश्न

  1. कुछ वस्तुओं को पहचाने और नाम बतायें; जैसे-(घड़ी, कलम, पेन्सिल तथा चाकू)।
  2. तुम्हारी नाक कहाँ है? तुम्हारे कान कहाँ हैं?
  3. तुम चित्र में क्या देखते हो?
  4. तुम लड़की हो या लड़का? आदि।

6 वर्ष की आयु के लिये प्रश्न

  1. अपना बायाँ हाथ हिलाओ। अपनी दाहिनी आँख दिखाओ।
  2. इस चित्र को देखो इसमें क्या अधूरा है?
  3. 13 सिक्कों को मेज पर रखकर बालकों को जोर-जोर से गिनने को कहें।
  4. चार-पाँच प्रकार के सिक्के पूछे, ये क्या हैं?

सन् 1937 में ‘सेण्टफार्ड रिवीजन‘ में टरमैन और मैरिल ने कुछ संशोधन कर अंकगणित के प्रश्न रख दिये।

मानसिक विकास

बुद्धि का परिचयबुद्धि की परिभाषाएँबुद्धि की प्रकृति या स्वरूपबुद्धि एवं योग्यताबुद्धि के प्रकारबुद्धि के सिद्धान्तमानसिक आयुबुद्धि-लब्धि एवं उसका मापनबुद्धि का विभाजनबुद्धि का मापनबिने के बुद्धि-लब्धि परीक्षा प्रश्नबुद्धि परीक्षणों के प्रकारव्यक्तिगत और सामूहिक बुद्धि परीक्षणों में अन्तरभारत में प्रयुक्त होने वाले बुद्धि परीक्षणशाब्दिक एवं अशाब्दिक परीक्षणों में अन्तरबुद्धि परीक्षणों के गुण या विशेषताएँबुद्धि परीक्षणों के दोषबुद्धि परीक्षणों की उपयोगिता