कारणमाला अलंकार (कारणमालालंकारः)
परिभाषा: 'यथोत्तरं चेत्पूर्वस्य पूर्वस्यार्थस्य हेतुता। तदा कारणमाला स्यात्' - जहाँ अगले-अगले अर्थ के पहले-पहले अर्थ हेतु हों, वहाँ कारणमालालंकार होता है। (यह अलंकार, हिन्दी व्याकरण(Hindi Grammar) के Alankar के भेदों में से एक हैं।)उदाहरणस्वरूप :
1.
जितेन्द्रियत्वं विनयस्य कारणं गुणप्रकर्षों विनयादवाप्यते ।।
गुणप्रकर्षण जनोऽनुरज्यते जनानुरागप्रभवा हि सम्पदः ।।
2. गुणप्रकर्षण जनोऽनुरज्यते जनानुरागप्रभवा हि सम्पदः ।।
विदया ददाति विनयं विनयात् आयाति पात्रताम् ।
पात्रत्वात् धनम् आप्नोति धनाधर्मः सुखम् ।।
पात्रत्वात् धनम् आप्नोति धनाधर्मः सुखम् ।।
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