‘अलंकार शब्द’ ‘अलम्’ और ‘कार' के योग से बना है, जिसका अर्थ होता है- आभूषण या विभूषित करनेवाला । शब्द और अर्थ दोनों ही काव्य के शरीर माने जाते हैं अतएव, वाक्यों में शब्दगत और अर्थगत चमत्कार बढ़ानेवाले तत्व को ही अलंकार कहा जाता है।
Definition Of Alankar
जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है। दूसरे अर्थ में- काव्य अथवा भाषा को शोभा बनाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है।Importance Of Alankar
केशवदास ने इसकी महत्ता स्वीकारते हुए कितना सटीक कहा है- "भूषण बिनु न विराजई कविता वनिता मित्त" शब्दगत चमत्कार को रीतिकारों ने शब्दालंकार और अर्थगत चमत्कार को अर्थालंकार कहा है। अनुप्रास, श्लेष, यमक, वरमैत्री आदि शब्दालंकार और उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति आदि अर्थालंकार। कहलाते हैं। अलंकारों की संख्या बताने में मतैक्य नहीं दिखता है। आचार्य मम्मट ने अपनी सुप्रसिद्ध रचना काव्यप्रकाश में 67 अलंकारों की चर्चा की है तो भरतमुनि ने 4, वामन ने 33, दण्डी ने 35, भामह ने 39, उद्भट्ट ने 40, रुद्रट ने 52, जयदेव ने अपनी रचना ‘चंद्रालोक' में 100 और अप्पयदीक्षित ने कुवलयानन्द में 124 अलंकारों की बात कही है।अलंकार के भेद और प्रकार
आचार्य मम्मट ने अपनी सुप्रसिद्ध रचना काव्यप्रकाश में 67 प्रकार के अलंकारों के भेद की चर्चा की है तो भरतमुनि ने 4, वामन ने 33, दण्डी ने 35, भामह ने 39, उद्भट्ट ने 40, रुद्रट ने 52, जयदेव ने अपनी रचना ‘चंद्रालोक' में 100 और अप्पयदीक्षित ने कुवलयानन्द में 124 अलंकारों की बात कही है। कुछ प्रमुख अलंकार नीचे दिये गए हैं-Kinds of Alankar in Hindi and Sanskrit
शब्दालंकार के भेद
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- पुनरुक्ति अलंकार
- विप्सा अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- श्लेष अलंकार
अर्थालंकार के भेद
- उपमा अलंकार
- रूपक अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
- द्रष्टान्त अलंकार
- संदेह अलंकार
- अतिश्योक्ति अलंकार
- उपमेयोपमा अलंकार
- प्रतीप अलंकार
- अनन्वय अलंकार
- भ्रांतिमान अलंकार
- दीपक अलंकार
- अपहृति अलंकार
- व्यतिरेक अलंकार
- विभावना अलंकार
- विशेषोक्ति अलंकार
- अर्थान्तरन्यास अलंकार
- उल्लेख अलंकार
- विरोधाभाष अलंकार
- असंगति अलंकार
- मानवीकरण अलंकार
- अन्योक्ति अलंकार
- काव्यलिंग अलंकार
- स्वभावोक्ति अलंकार
- कारणमाला अलंकार
- पर्याय अलंकार
- स्वभावोक्ति अलंकार
- समासोक्ति अलंकार
अलंकार के उदाहरण(अनुप्रासालंकारः)
1.
ततोऽरुणपरिस्पन्दमन्दीकृतवपुः शशी ।
दधे कामपरिक्षामकामिनीगण्डपाण्डुताम् ।। ।
2. दधे कामपरिक्षामकामिनीगण्डपाण्डुताम् ।। ।
अपसारय घनसारं कुरु हारं दूर एवं किं कमलैः ।
अलमलमानि! मृणालैरिति वदति दिवानिशंबात्य ।।
3. अलमलमानि! मृणालैरिति वदति दिवानिशंबात्य ।।
यस्य न सविधै दयिता दवदहनस्तुहिनदीधितिस्तस्य।
यस्य च सविधे दयिता दवदहनस्तुहिनदीधितिस्तस्य ।।
यस्य च सविधे दयिता दवदहनस्तुहिनदीधितिस्तस्य ।।
Examples of Alankar in Sanskrit
1.
सन्नारीभरणोमायमाराध्य विधुशेखरम् ।।
सन्नारीभरणोऽमायस्ततस्त्वं पृथिवीं जय ।।
2. सन्नारीभरणोऽमायस्ततस्त्वं पृथिवीं जय ।।
विनायमेनोनयताऽसुखादिना विना यमेनोनयता सुखादिना।
।
महाजनोऽदीयत मानसादरं महाजनोदीयतमानसादरम् ।।
3. महाजनोऽदीयत मानसादरं महाजनोदीयतमानसादरम् ।।
अनन्तमहिमव्याप्तविश्वां वेधा न वेद याम् ।
या च मातेव भजते प्रणते मानवे दयाम् ।।
या च मातेव भजते प्रणते मानवे दयाम् ।।
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