तरी शब्द के रूप (Tari Ke Shabd Roop) – संस्कृत

Tari Shabd

तरी शब्द (नाव, नौका): तरी शब्द के ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्द के शब्द रूप, तरी (Tari) शब्द के अंत में ‘ई’ की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए यह ईकारान्त हैं। अतः Tari Shabd के Shabd Roop की तरह तरी जैसे सभी ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। तरी शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Tari Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।

तरी के शब्द रूप – Shabd roop of Tari

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा तरी तर्यौ तर्यः
द्वितीया तरीम् तर्यौ तरीः
तृतीया तर्या तरीभ्याम् तरीभिः
चतुर्थी तर्यै तरीभ्याम् तरीभ्यः
पंचमी तर्याः तरीभ्याम् तरीभ्यः
षष्ठी तर्याः तर्योः तरीनाम्
सप्तमी तर्याम् तर्योः तरीषु
सम्बोधन हे तरि ! हे तर्यौ ! हे तर्यः !

तरी शब्द का अर्थ/मतलब

तरी शब्द का अर्थ नाव, नौका होता है। तरी शब्द ईकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘नाव, नौका’ होता है।

तरी 1 संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

  • नाव । नौका ।
  • गदा ।
  • कपडा़ । रखने का पिटारा । पेटी ।
  • धूआँ । धूम ।
  • कपडे़ का छोर । दामन ।

तरी 2 संज्ञा स्त्री॰ [फा़॰]

  • गीलापन । आर्द्रता ।
  • ठंढक । शीतलता ।
  • वह नीची भूमि जहाँ बरसात का पानी बहुत दिनों तक इकट्ठा रहता हो । कछार ।
  • तराई । तरहटी ।
  • समृद्ध । धनाढयता । मालवारौ ।

तरी 3 संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ तर ( = नीचे)]

  • जूते का तला ।
  • तलछट । तलौंछ ।

 तरी †पु 4 संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ ताड़]

  • कान का एक गहना । तरिवन । कर्णफूल । उ॰—काने कनक तरी बर बेसरि सोहहि ।— तुलसी (शब्द॰) ।

तरी 5 संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰]

  • चाल । मृणाल । उ॰—जैसे सुंदर कमल को हंस ग्रहण करे तैसे पिता का चरण ग्रहण किया । जैसे कमल के तरे कोमल तरियाँ होती हैं, तिन तरियों सहित कमल को हंस पकड़ता है, तैसे तशरथ जी की अँगुरीन को राम जी ने ग्रहण किया ।

तरी जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप

उपर्युक्त शब्द रूप तरी शब्द के ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्द के शब्द रूप हैं तरी जैसे शब्द रूप (Tari shabd Roop) देखने के लिए Shabd Roop List पर जाएँ।

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