संस्कृत समोच्चरित शब्द एवं वाक्य प्रयोग – संस्कृत व्याकरण

समोच्चरित शब्द ऐसे शब्द होते हैं जिनका उच्चारण प्रायः समान होता है, परन्तु उनके अर्थ में भिन्नता होती है, उन्हें समोच्चारित शब्द कहते हैं।

स्वाभिमान और अभिमान लगभग दोनों समोच्चारित शब्द हैं और उनके अर्थ भी लगभग समानार्थी जैसे प्रतीत होते हैं। इसके बावजूद ये दोनों शब्द परस्पर एक दूसरे से भिन्न ही नहीं एकदम विपरीतार्थी हैं।

स्वाभिमान शब्द आत्मगौरव और आत्मसम्मान के लिए प्रयुक्त होता है। यह ऐसा शब्द है जो हमें जाग्रत करता है, प्रेरित करता है और हमें कर्तव्य के प्रति आगे बढ़ने के लिए ललकारता है। स्वाभिमान हमारे अपने विश्वास को जाग्रत करता है। हमें जीवन मूल्यों के प्रति, अपने देश के प्रति, अपनी संस्कृति, अपने समाज और अपने कुल के प्रति स्वाभिमानी बनने की प्रेरणा देता है।

जबकि अभिमान शब्द का अर्थ घमंड करना होता है। इस पर मुहावरे भी  हैं जैसे- घमंड पर आना या होना = अभिमान करना ।

संस्कृत व्याकरण (Sanskrit Vyakaran) में समोच्चरित शब्द Bihar Board और UP Board जैसी परीक्षाओ के लिए बहुत उपयोगी हैं। संस्कृत के पेपर में Minimum दो नंबर के प्रश्न प्रत्येक वर्ष पूछे जाते हैं। समोच्चरित शब्द Bihar Board और UP Board के साथ-साथ UPTET(यूपीटीईटी), CTET(सीटीईटी), UPSSSC आदि कई परीक्षों में भी पूछे जाते हैं।

समोच्चरित शब्द

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Samochcharit shabd in Sanskrit
Samochcharit shabd in Sanskrit
Samochcharit shabd in Sanskrit
समोच्चरित शब्द एवं वाक्य प्रयोग
Samochcharit shabd in Sanskrit

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