सम्बोधन कारक
जिस शब्द से किसी को पुकारा या बुलाया जाए उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। इसकी कोई विभक्ति नहीं होती है। इसको पहचानने करने के लिए (!) चिन्ह लगाया जाता है। इसके चिन्ह हे, अरे, अजी आदि होते हैं।अथवा - जिससे किसी को बुलाने अथवा पुकारने का भाव प्रकट हो उसे संबोधन कारक कहते है और संबोधन चिह्न (!) लगाया जाता है। जैसे – हे राम ! यह क्या हो गया।
उदाहरण
- हे राम ! यह क्या हो गया। - इस वाक्य में ‘हे राम!’ सम्बोधन कारक है, क्योंकि यह सम्बोधन है।
- अरे भैया ! क्यों रो रहे हो ? - इस वाक्य में ‘अरे भैया’ ! संबोधन कारक है।
- हे गोपाल ! यहाँ आओ। - इस वाक्य में ‘हे गोपाल’ ! संबोधन कारक है।
सम्बोधन कारक की परिभाषा
संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से बुलाने या पुकारने का ज्ञान हो उसे सम्बोधन कहते हैं। अथवा - जहाँ पर पुकारने , चेतावनी देने , ध्यान बटाने के लिए जब सम्बोधित किया जाता है उसे सम्बोधन कारक कहते हैं।सम्बोधन कारक के उदाहरण
- अरे रमेश ! तुम यहां कैसे ?
- अजी ! सुनते हो क्या।
- हे ईश्वर ! रक्षा करो।
- अरे ! बच्चो शोर मत करो।
- हे राम ! यह क्या हो गया।
- अरे भाई ! यहाँ आओ।
- अरे राम! बहुत बुरा हुआ।
- अरे भाई ! तुम तो बहुत दिनों में आये।
- अरे बच्चों! शोर मत करो।
- हे ईश्वर! इन सभी नादानों की रक्षा करना।
- अरे! यह इतना बड़ा हो गया।
- अजी तुम उसे क्या मरोगे ?
- बाबूजी ! आप यहाँ बैठें।
- अरे राम ! जरा इधर आना।
- अरे ! आप आ गये।
मुख्य प्रष्ठ : कारक प्रकरण - विभक्ति
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