Laghiman Shabd
लघिमन् शब्द (छोटापन, lowliness or lightness):
'अन्' भागान्त शब्द ,
आत्मन्,
युवन्,
मघवन् आदि को छोडकर इस प्रकार के सभी 'अन्' भागान्त शब्दों के शब्द रूप (
Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। जैसे -
पथिन्,
गुणिन्,
व्रत्रहन्,
स्थायिन्,
मघवन्,
लघिमन्,
युवन्,
स्वामिन्,
आत्मघातिन्,
अर्थिन्,
एकाकिन्,
कञ्चुकिन्,
ज्ञानिन्,
करिन्,
कुटुम्बिन्,
कुशलिन्,
चक्रवर्तिन्,
तपस्विन्,
दूरदर्शिन्,
द्वेषिन्,
धनिन्,
पक्षिन्,
बलिन्,
मन्त्रिन्,
मनोहारिन्,
मनीषिन्,
मेधाविन्,
रोगिन्,
वैरिन् आदि। संस्कृत व्याकरण एवं भाषा में शब्द रूप अति महत्व रखते हैं। और
धातु रूप (
Dhatu Roop) भी बहुत ही आवश्यक होते हैं।
लघिमन् के शब्द रूप इस प्रकार हैं-
लघिमन् के शब्द रूप - Laghiman Shabd Roop
Shabd roop of Laghiman, Pulling - पुल्लिंग
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा |
लघिमा |
लघिमानौ |
लघिमानः |
द्वितीया |
लघिमानम् |
लघिमानौ |
लघिम्नः |
तृतीया |
लघिम्ना |
लघिम्भ्याम् |
लघिम्भिः |
चतुर्थी |
लघिम्ने |
लघिम्भ्याम् |
लघिम्भ्यः |
पंचमी |
लघिम्ने | लघिम्भ्याम् |
लघिम्भ्यः |
षष्ठी |
लघिम्नः |
लघिम्नोः |
लघिम्नाम् |
सप्तमी |
लघिम्नि/लघिमनि |
लघिम्नोः |
लघिमसु |
सम्बोधन |
हे लघिमन् ! |
हे लघिमानौ ! |
हे लघिमानः ! |
Shabd roop of Laghiman, Napunsak ling - नपुंसकलिंग
नपुंसकलिंग शब्द रूप पुल्लिंग शब्द रूपों की तरह ही होते हैं। सिर्फ प्रथमा और द्वितीया विभक्ति के शब्द रूपों में अंतर होता है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा |
लघिम |
लघिम्नी/लघिमनी |
लघिमानि |
द्वितीया |
लघिम |
लघिम्नी/लघिमनी |
लघिमानि |
तृतीया |
लघिम्ना |
लघिम्भ्याम् |
लघिम्भिः |
चतुर्थी |
लघिम्ने |
लघिम्भ्याम् |
लघिम्भ्यः |
पंचमी |
लघिम्ने | लघिम्भ्याम् |
लघिम्भ्यः |
षष्ठी |
लघिम्नः |
लघिम्नोः |
लघिम्नाम् |
सप्तमी |
लघिम्नि/लघिमनि |
लघिम्नोः |
लघिमसु |
सम्बोधन |
हे लघिम ! |
हे लघिम्नी/लघिमनी! |
हे लघिमानि! |
अन्य महत्वपूर्ण शब्द रूप एवम् धातु रूप
महत्वपूर्ण शब्द रूप की
Shabd Roop List देखें और साथ में
shabd roop yad karane ki trick भी, सभी शब्द रूप संस्कृत में।
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