UPTET Primary Level Syllabus in Hindi

UPTET PRIMARY LEVEL SYLLABUS

UPTET Primary Level Syllabus

UPTET उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित कराई जाने वाली एक राज्य स्तरीय परीक्षा है जिसके माध्यम से स्कूलों में प्राइमरी (कक्षा 1 से 5 तक) के लिए टीचर्स की भर्ती होती है। उत्तर प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिक्षक के रूप में काम करने के इच्छुक उम्मीदवार के लिए UPTET की परीक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती है।

इस परीक्षा में दो पेपर होते हैं (पेपर 1 और पेपर 2). उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों को पढ़ाने की इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को UPTET Paper I पास करना ज़रूरी होता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए यूपीटीईटी सिलेबस और परीक्षा पैटर्न समझना ज़रूरी है।

Primary Level Syllabus (PAPER-1)

परीक्षा का कठिनाई स्तर:

  • इंटरमीडिएट स्तर (विज्ञान और गणित को छोड़कर)
  • विज्ञान और गणित डी एल एड (बी टी सी) पाठ्यक्रम के अनुसार

1. बाल विकास और शिक्षण विधियां [30 प्रश्न]

(क) बाल विकास (कक्षा 1 से 5, 6 से 11 आयु समूह के लिए प्रासंगिक) [15 प्रश्न]

  • विकास की अवधारणा तथा अधिगम के साथ उसका सम्बन्ध
  • बालकों के विकास के सिद्धांत
  • आनुवांशिकता और पर्यावरण का प्रभाव
  • सामाजिकीकरण प्रक्रियाएं: सामाजिक विश्व और बालक (शिक्षक, अभिभावक और मित्रगण)
  • पाइगेट, कोलबर्ग और वायगोट्स्की: निर्माण और विवेचित संदर्श
  • बाल-केन्द्रित और प्रगामी शिक्षा की अवधारणाएं
  • बौद्धिकता के निर्माण का विवेचित संदर्श
  • बहु-आयामी बौद्धिकता
  • भाषा और चिंतन समाज निर्माण के रूप में लिंग: लिंग भूमिकाएं. लिंग-पूर्वाग्रह और शैक्षणिक व्यवहार
  • शिक्षार्थियों के मध्य वैयक्तिक विभेद, भाषा, जाति, लिंग, समुदाय, धर्म आदि की विविधता पर आधारित विभेदों को समझाना
  • अधिगम के लिए मूल्यांकन और अधिगम का मूल्यांकन के बीच अंतर, विद्यालय आधारित मूल्यांकन,
  • सतत एवं व्यापक मूल्यांकन: संदर्श और व्यवहार
  • शिक्षार्थियों की तैयारी के स्तर के मूल्यांकन के लिए; कक्षा में शिक्षण और विवेचित चिंतन के लिए तथा शिक्षार्थी की उपलब्धि के लिए उपयुक्त प्रश्न तैयार करना।

(ख) समावेशी शिक्षा की अवधारणा तथा विशेष आवश्यकता वाले बालकों को समझना 5 प्रश्न

  • गैर-लाभप्राप्त और अवसर-वंचित शिक्षार्थियों सहित विभिन्न पृश्ठभूमियों से आए शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।
  • अधिगम संबंधी समस्याएं, कठिनाई वाले बालकों की आवश्यकताओं को समझना।
  • मेधावी, सृजनशील, विशिष्ट प्रतिभावान शिक्षणार्थियों की आवश्यकताओं को समझना।

(ग) अधिगम और अध्यापन [10 प्रश्न]

  • बालक किस प्रकार सोचते और सीखते हैं, बालक विद्यालय प्रदर्शन में सफलता प्राप्त करने में कैसे और क्यों असफल होते हैं।
  • अधिगम और अध्यापन की बुनियादी प्रक्रियाएं, बालकों की अधिगम कार्यनीतियां सामाजिक क्रियाकलाप के रूप में अधिगमः अधिगम के सामाजिक संदर्भ।
  • एक समस्या समाधानकर्ता और एक वैज्ञानिक अन्वेषक के रूप में बालक।
  • बालकों में अधिगम की वैकल्पिक संकल्पना, अधिगम प्रक्रिया में महत्वपूर्ण चरणों के रूप में बालक की त्रुटियों को समझना। बोध और संवेदनाएं प्रेरणा और अधिगम,
  • अधिगम में योगदान देने वाले कारक – निजी एवं पर्यावरणीय।

2. भाषा I [30 प्रश्न]

(क) भाषा बोधगम्यता [15 प्रश्न]

  • अनदेखे अनुच्छेदों को पढ़ना – दो अनुच्छेद एक गद्य अथवा नाटक और एक कविता जिसमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे (गद्य अनुच्छेद साहित्यिक, वैज्ञानिक, वर्णनात्मक अथवा तर्कमूलक हो सकता है)

(ख) भाषा विकास का अध्यापन [15 प्रश्न]

  • अधिगम और अर्जन भाषा अध्यापन के सिद्धांत
  • सुनने और बोलने की भूमिकाः भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं। मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की। भूमिका पर निर्णायक संदर्श। एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां; भाषा की कठिनाईयां, त्रुटियां और विकार
  • भाषा कौशल
  • भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना
  • अध्यापन – अधिगम सामग्रियां: पाठ्यपुस्तक, मल्टी मीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन
  • उपचारात्मक अध्यापन

3. भाषा ॥ [30 प्रश्न]

(क) बोधगम्यता [15 प्रश्न]

  • दो अनदेखे गद्य अनुच्छेद (तर्कमूलक अथवा साहित्यिक अथवा वर्णनात्मक अथवा वैज्ञानिक) जिनमें बोधगम्यता, निष्कर्ष, व्याकरण और मौखिक योग्यता से संबंधित प्रश्न होंगे।

(ख) भाषा विकास का अध्यापन [15 प्रश्न]

  • अधिगम और अर्जन भाषा अध्यापन के सिद्धांत
  • सुनने और बोलने की भूमिका; भाषा का कार्य तथा बालक इसे किस प्रकार एक उपकरण के रूप में प्रयोग करते हैं।
  • मौखिक और लिखित रूप में विचारों के संप्रेषण के लिए किसी भाषा के अधिगम में व्याकरण की भूमिका पर निर्णायक संदर्श,
  • एक भिन्न कक्षा में भाषा पढ़ाने की चुनौतियां: भाषा की कठिनाइयां, त्रुटियां और विकार भाषा कौशल भाषा बोधगम्यता और प्रवीणता का मूल्यांकन करना: बोलना, सुनना, पढ़ना और लिखना,
  • अध्यापन अधिगम सामग्री पाठ्यपुस्तक, मल्टीमीडिया सामग्री, कक्षा का बहुभाषायी संसाधन,
  • उपचारात्मक अध्यापन।

4. गणित [30 प्रश्न]

(क) विषय-वस्तु [15 प्रश्न]

  • ज्यामिति
  • आकार और स्थानिक समझ
  • हमारे चारों ओर विद्यमान ठोस पदार्थ
  • संख्याएं
  • जोड़ना और घटाना
  • गुणा करना
  • विभाजन
  • मापन
  • भार
  • समय परिमाण
  • आंकड़ा प्रबंधन
  • पैटर्न
  • राशि

(ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे [15 प्रश्न]

  • गणितीय/तार्किक चिंतन की प्रकृति, बालक के चिंतन एवं तर्कशक्ति पैटर्नी तथा अर्थ निकालने और अधिगम की कार्यनीतियों को समझना
  • पाठ्यचर्या में गणित का स्थान
  • गणित की भाषा
  • सामुदायिक गणित
  • औपचारिक एवं अनौपचारिक पद्धतियों के माध्यम से मूल्यांकन
  • शिक्षण की समस्याएं
  • त्रुटि विश्लेषण तथा अधिगम एवं अध्यापन के प्रासंगिक पहलू
  • नैदानिक एवं उपचारात्मक शिक्षण

5. पर्यावरणीय अध्ययन

(क) विषय-वस्तु [15 प्रश्न]

1. परिवार और मित्र:

  • संबंध
  • कार्य और खेल
  • पशु
  • पौधे

2. भोजन

3. आश्रय

4. पानी

5. भ्रमण

6. वे चीजें जो हम बनाते और करते हैं

(ख) अध्यापन संबंधी मुद्दे [15 प्रश्न]

  • पर्यावरणीय अध्ययन की अवधारणा और व्याप्ति
  • पर्यावरणीय अध्ययन का महत्व, एकीकृत पर्यावरणीय अध्ययन
  • पर्यावरणीय अध्ययन एवं पर्यावरणीय शिक्षा
  • अधिगम सिद्धांत
  • विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की व्याप्ति और संबंध
  • अवधारणा प्रस्तुत करने के दृष्टिकोण
  • क्रियाकलाप
  • प्रयोग/व्यावहारिक कार्य चर्चा
  • सतत् व्यापक मूल्यांकन
  • शिक्षण सामग्री/उपकरण
  • समस्याएं

अन्य महत्वपूर्ण प्रष्ठ: