क्रियाविशेषण – परिभाषा, भेद और उदाहरण, Kriya Visheshan in Hindi

Kriya Visheshan

क्रियाविशेषण (Hindi Adverb) : Kriya Visheshan in Hindi

Kriya Visheshan (क्रिया-विशेषण) or Adverb is a word that either modifies the meaning of an adjective (विशेषण), verb (क्रिया).

क्रिया-विशेषण : जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का पता चलता है उन्हें क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan) कहते हैं। जैसे – वह धीरे-धीरे चलता है। इस वाक्य में चलता क्रिया है और धीरे-धीरे उसकी विशेषता। अतः इस वाक्य में “धीरे-धीरे” क्रिया-विशेषण है।

क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan) की परिभाषा

जो शब्द वाक्य में क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, क्रियाविशेषण कहलाते हैं; जैसे- वह जोर से रोता है। इस वाक्य में ‘जोर से‘ शब्द क्रियाविशेषण है क्योंकि वह ‘रोता है’ क्रिया की विशेषता प्रकट करता है।

क्रिया-विशेषण के उदाहरण

क्रिया-विशेषण के उदाहरण (Kriya Visheshan ke Udaharan) निम्नलिखित हैं-

  • वह कल आपसे मिलेंगे।
  • वे पार्टी में जल्दी पहुंच गए।
  • चाबियाँ यहाँ छिपी हुई थीं।
  • हम जल्द ही पार्क जा रहे हैं।
  • घर में हर जगह किताबें बिखरी पढ़ीं हैं।
  • उसने बहुत ज्यादा आइसक्रीम खा ली।
  • उसने यात्रा के लिए पर्याप्त पैसे बचा लिए हैं।
  • उन्होंने गाना बहुत खूबसूरती से गाया।
  • बिल्ली मेज़ के नीचे छुप गयी।
  • उसने दौड़ जल्दी पूरी कर ली।
  • वे पास ही रहते हैं।
  • उसने नाश्ते में बहुत कम खाया।
  • उन्होंने स्टेज पर बहुत ही खूबसूरती से गाया।
  • पार्टी जल्द ही शुरू होगी।
  • मैंने हर जगह अपनी चाबियाँ ढूंढीं।
  • उसके पास कार खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे हैं।
  • हमें हवाई अड्डे के लिए जल्दी निकलना चाहिए।
  • बच्चे बाहर आँगन में खेलते थे।

क्रिया-विशेषण का वर्गीकरण

समान्यतः Kriya Visheshan का विभाजन तीन भागों में किया जाता है-

  1. अर्थ के आधार पर क्रिया-विशेषण
  2. प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण
  3. रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण

क्रिया-विशेषण के भेद

अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के चार प्रकार के भेद हैं :

  1. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण
  2. कालवाचक क्रिया-विशेषण
  3. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण
  4. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण
Kriya Visheshan Ke Bhed
Kriya Visheshan Ke Bhed

1. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण

जो अविकारी या अव्यय शब्द किसी क्रिया के व्यापार-स्थान का बोध कराते हैं, उन्हें “स्थानवाचक क्रियाविशेषण” कहते हैं।

परिभाषा– ऐसे शब्द जिनसे स्थान का बोध होता है, वे ‘स्थानवाचक क्रियाविशेषण’ कहलाते हैं; जैसे-

  • वह बाहर सो रहा है। – इस वाक्य में ‘बाहर‘ शब्द से स्थान का बोध होता है। अतः यहाँ ‘बाहर’ शब्द स्थानवाचक क्रिया-विशेषण है।
  • कनिका यहाँ चल रही है। – इस वाक्य में “यहाँ” चल क्रिया के व्यापार-स्थान का बोध करा रही है।

इसी प्रकार “यहाँ, वहाँ, कहाँ, जहाँ, सामने, नीचे, ऊपर, आगे, भीतर, बाहर” आदि शब्द भी स्थानवाचक क्रियाविशेषण हैं। कभी-कभी “में, पर” शब्द भी संज्ञा शब्दों के साथ प्रयोग होने पर स्थानवाचक क्रिया-विशेषण बन जाते हैं। जैसे-

  • रामू छत पर खेल रहा है।
  • चूहा जाल में फस गया।

स्थानवाचक क्रिया-विशेषण के उदाहरण

  • मैंने चाबियाँ यहीं मेज पर छोड़ दी हैं।
  • उसने अपने गुम हुए फोन को हर जगह खोजा।
  • बिल्ली बक्से के अंदर छिपी हुई है।
  • रेस्तरां ठीक वहीं कोने पर है।
  • ख़जाना संदूक ज़मीन के नीचे काफी गहराई में दबा हुआ था।

उपरोक्त वाक्यों में क्रमशः “यहीं, हर जगह, अंदर, वहीं, नीचे” आदि शब्द स्थानवाचक क्रिया-विशेषण के उदाहरण हैं।

विस्तार से पढ़ें: स्थानवाचक क्रिया-विशेषण

2. कालवाचक क्रिया-विशेषण

जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के होने का समय बतलाते हैं, उन्हें “कालवाचक क्रियाविशेषण” कहते हैं।

परिभाषा– ऐसे शब्द जिनसे समय का बोध होता है, उन्हे ‘कालवाचक क्रियाविशेषण’ कहलाते हैं; जैसे-

  • खुशी ने सुबह खाना खाया था। – इस वाक्य में सुबह शब्द समय का ज्ञान हो रहा है, अतः ‘सुबह‘ शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण है।
  • वह यहाँ प्रतिदिन आता है। – इस वाक्य में ‘प्रतिदिन‘ शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण है।

इसी प्रकार “बहुधा, जब, तब, आज, कल, सवेरे, तुरत, सदा, परसों, पहले, पीछे, कभी, प्रतिदिन, अब तक, अभी-अभी, बार-बार” आदि शब्द भी कालवाचक क्रियाविशेषण हैं।

कालवाचक क्रिया-विशेषण के उदाहरण

  • मैं उससे कल पार्क में मिला था।
  • वे जल्द ही यहां पहुंचेंगे।
  • मैं अभी आपके प्रश्न का उत्तर दे रहा हूं।
  • हम इस परियोजना पर बाद में चर्चा कर सकते हैं।
  • हम आज समुद्र तट पर जा रहे हैं।

उपरोक्त वाक्यों में क्रमशः “कल, जल्द ही, अभी, बाद में, आज” आदि शब्द कालवाचक क्रिया-विशेषण के उदाहरण हैं।

विस्तार से पढ़ें: कालवाचक क्रिया-विशेषण

3. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण

जो अविकारी शब्द किसी क्रिया के परिमाण अथवा निश्चित संख्या का बोध कराते हैं, उन्हें “परिमाणवाचक क्रियाविशेषण” कहते हैं।

परिभाषा– जो शब्द क्रिया के परिमाण ( नाप या तोल आदि) को बतलाते हैं, वे ‘परिमाणवाचक क्रियाविशेषण’ कहलाते हैं; जैसे-

  • दिल्ली में उसने केवल कुतुबमीनार देखा। – इस वाक्य में ‘केवल‘ शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण है।
  • वह बहुत खाता है। – इस वाक्य में ‘बहुत‘ शब्द परिमाणवाचक क्रियाविशेषण है।

इसी प्रकार “बहुत, अधिक,अधिकाधिक पूर्णतया, सर्वथा, कुछ, थोड़ा, काफ़ी, केवल, यथेष्ट, इतना, उतना, कितना, थोड़ा-थोड़ा, तिल-तिल, एक-एक करके” आदि शब्द भी परिमाणवाचक क्रियाविशेषण हैं।

परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण के उदाहरण

  • उसने लगभग पूरी पहेली पूरी कर ली।
  • कमरा पूरी तरह से नीले रंग से सजाया गया था।
  • सूप तुरंत खाने के लिए बहुत गर्म था।
  • उसने अपना होमवर्क केवल आंशिक रूप से पूरा किया।
  • कार्य समय पर पूर्णतः समाप्त हो गया।

उपरोक्त वाक्यों में क्रमशः “लगभग, पूरी तरह से, बहुत, आंशिक रूप से, पूर्णतः” आदि शब्द परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण के उदाहरण हैं।

विस्तार से पढ़ें: परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण

4. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण

जो अविकारी या अव्यय शब्द किसी क्रिया की रीति का बोध कराए, वह “रीतिवाचक क्रियाविशेषण” कहलाते है।

परिभाषा– ऐसे शब्द जिनसे किसी क्रिया के करने की रीति या ढंग का बोध होता है, उन्हें ‘रीतिवाचक क्रियाविशेषण’ कहते हैं; जैसे-

  • वह तेजी से दौड़ता है। – इस वाक्य में ‘तेजी से‘ शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण है।
  • वधु पक्ष द्वारा सुविवाह की रीति को तोड़ने की एवज में वर पक्ष ने वधु पक्ष से नुकसान लिया। – इस वाक्य में “सुविवाह” रीतिवाचक क्रियाविशेषण का बोध करा रहा है।

इसी प्रकार “जल्दी से, धीरे से, सावधानी से, जोर से, नरमी से, चमकते हुए, आनंद से, गुस्से से, चुपचाप, आसानी से, इनायत से, धैर्यपूर्वक, बलपूर्वक, सुचारू रूप से, सावधानी से, सहजता से, सुंदर ढंग से, तेजी से, बलपूर्वक, आज़ादी से” आदि शब्द भी रीतिवाचक क्रियाविशेषण हैं।

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण के उदाहरण

  • उसने स्टेज पर शानदार डांस किया।
  • रसोइये ने जल्दी से खाना बना दिया।
  • उसने पहेली को आसानी से हल कर लिया।
  • फिल्म के दौरान बच्चा जोर-जोर से बोला।
  • दौड़ में एथलीट तेजी से दौड़ा।
  • उन्होंने कॉन्सर्ट में बहुत ही खूबसूरती से गाना गाया।
  • कार राजमार्ग पर आसानी से आगे बढ़ गई।
  • उन्होंने सवाल का सही से जवाब दिया।
  • उपहार पाकर वह खुशी से मुस्कुरा दी।
  • उन्होंने अपने प्रोजेक्ट पर लगन से काम किया।

उपरोक्त वाक्यों में क्रमशः “शानदार, जल्दी से, आसानी से, जोर जोर, तेजी से, खूबसूरती से, आसानी से, सही से, खुशी से, लगन से” आदि शब्द रीतिवाचक क्रिया-विशेषण के उदाहरण हैं।

विस्तार से पढ़ें: रीतिवाचक क्रिया-विशेषण

प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण के प्रकार

प्रयोग के आधार पर Kriya Visheshan के तीन भेद होते हैं; जो निम्नलिखित हैं-

  1. साधारण क्रिया-विशेषण
  2. सयोंजक क्रिया-विशेषण
  3. अनुबद्ध क्रिया-विशेषण

साधारण क्रियाविशेषण (Simple Adverb)

वे क्रियाविशेषण जिनका प्रयोग वाक्य में स्वतंत्र रूप से होता है, उन्हें साधारण क्रिया-विशेषण कहते हैं।

उदाहरण के लिए-

  • वह लड़का कहाँ चला गया?
  • तुम कब आए?
  • यह क्या हो गया।
  • बेटा जल्दी आओ।

इन वाक्यों में “कहाँ, कब, क्या, जल्दी” आदि का प्रयोग स्वतंत्र रूप में हो रहा है, क्यूंकि ये सीधे क्रिया से संबंधित हैं। अतः ये शब्द साधारण क्रियाविशेषण हैं।

सयोंजक क्रियाविशेषण (Conjunctive Adverb)

ऐसे क्रियाविशेषण जिनका सम्बन्ध किसी उपवाक्य से होता है, उन्हें सयोंजक क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे- “हालांकि,” “इसलिए,” “इसके अलावा,” “फिर भी,” और “इस बीच” आदि संयोजक क्रियाविशेषण हैं।

उदाहरण के लिए-

  • जब तक तुम आओगे, तब तक हम चले जाएंगे।
  • जहाँ तुम खड़े हो, वहां मेरा स्कूल था।
  • यहाँ हम रो रहे हैं, वहां वे हँस रहे हैं।

यहाँ इन वाक्यों में “जब तक….तब तक”, “जहाँ…..वहां” आदि शब्द भी सयोंजक क्रिया-विशेषण हैं।

अनुबद्ध क्रियाविशेषण

ऐसे क्रियाविशेषण जिनका प्रयोग निश्चय के लिए वाक्य में कहीं भी होता हैं, उन्हें अनुबद्ध क्रियाविशेषण कहते हैं।

उदाहरण के लिए-

  • कुंभकरण के खाने भर की देर है।
  • मेरा काम तो गलत ही हुआ है।

रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण के प्रकार

रूप के आधार पर भी Kriya Visheshan के तीन ही भेद होते हैं; जो निम्नलिखित हैं-

  1. मूल क्रिया-विशेषण
  2. यौगिक क्रिया-विशेषण
  3. स्थानीय क्रिया-विशेषण

मूल क्रियाविशेषण (Basic Adverb)

वे शब्द जो किसी अन्य किसी शब्द (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण) के साथ जुड़े बिना क्रिया-विशेषण बन जाते हैं, उन्हें मूल क्रियाविशेषण कहते हैं। जैसे- पास, दूर, ऊपर, आज, सदा, अचानक, फिर, नहीं, ठीक आदि शब्द मूल क्रिया-विशेषण हैं।

उदाहरण के लिए-

  • वह अचानक खो गया।
  • डॉक्टर ने मरीज को ठीक कर दिया।

यौगिक क्रियाविशेषण (Compound Adverb)

वे शब्द जो किसी अन्य किसी शब्द (संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण) के साथ जुड़कर क्रिया-विशेषण बनते हैं, उन्हें यौगिक क्रियाविशेषण कहते हैं।

उदाहरण के लिए-

  1. संज्ञा से यौगिक क्रियाविशेषण– सवेरे, सायं, आजन्म, क्रमशः, प्रेमपूर्वक, रातभर, मन से आदि।
  2. सर्वनाम से यौगिक क्रियाविशेषण– यहाँ, वहाँ, इतना, उतना, अब, कब, जब, जहाँ, जिससे आदि।
  3. विशेषण से यौगिक क्रियाविशेषण– चुपके, पहले, दूसरे, धीरे आदि।
  4. क्रिया से यौगिक क्रियाविशेषण– खाते, पीते, सोते, उठते, बैठते, जागते आदि।

स्थानीय क्रियाविशेषण (Place-specific Adverb)

वे शब्द जो अपना रूप बदले बिना किसी विशेष स्थान पर आते हैं, उन्हें स्थानीय क्रिया-विशेषण कहते हैं।

उदाहरण के लिए-

  • मैंने अपनी जैकेट वहीं कुर्सी पर छोड़ दी।
  • किताब बिस्तर के नीचे छिपी हुई है।

इन वाक्यों में “वहीं, नीचे” आदि शब्दों रूप बदले बिना विशेष स्थान पर प्रयोग किए गए है, अतः यह स्थानीय क्रिया-विशेषण हैं।

विशेषण और क्रिया-विशेषण में अंतर

Kriya Visheshan और विशेषण में अंतर निम्नलिखित है-

विशेषण क्रिया-विशेषण
ऐसे शब्द जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं। ऐसे शब्द जो किसी क्रिया की या अन्य किसी विशेषण की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रिया-विशेषण कहते हैं।
उदाहरण के लिए-

  1. यह काली गाय है।
  2. नरेंद्र अच्छा वक्ता है।
उदाहरण के लिए-

  1. यह काली गाय शांती से चर रही है।
  2. नरेंद्र वहुत अच्छा वक्ता है।

Adverb in hindi (Kriya Visheshan in hindi)

क्रिया-विशेषण की Worksheet हिन्दी में

Kriya Visheshan Worksheet in Hindi

FAQs: क्रिया-विशेषण पर अक्सर पूंछे जाने वाले प्रश्न उत्तर

क्रिया-विशेषण किसे कहते हैं?

वे शब्द जिनसे क्रिया की विशेषता का ज्ञान होता है, उन शब्दों को क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे- जल्दी, धीरे, अंदर, नीचे, कल, आज, वहुत, कुल आदि शब्दों का प्रयोग क्रिया-विशेषण के रूप में होता है।

क्रिया-विशेषण किसकी विशेषता बताता है?

क्रिया-विशेषण क्रिया की विशेषता बताता है। अर्थात- वे शब्द जिनसे क्रिया की विशेषता का ज्ञान होता है, उन्हें क्रिया-विशेषण होते हैं।

Adverb in Hindi के कितने भेद हैं?

Hindi Adverb के 4 भेद होते हैं- 1. कालवाचक क्रिया-विशेषण, 2. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, 3. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, और 4. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण।

समुच्चयबोधक शब्द से क्या आशय है? उदाहरण सहित लिखो।

समुच्चयबोधक शब्द से आशय है- दो शब्दों या वाक्यों को जोड़ने वाले शब्द। जैसे- और, क्योंकि, फिर भी, ताकि आदि शब्द समुच्चयबोधक के रूप में प्रयोग होते हैं।

अर्थ के आधार पर क्रियाविशेषण के कितने भेद होते हैं?

अर्थ के आधार पर Kriya Visheshan के चार (4) भेद होते हैं- 1. कालवाचक क्रिया-विशेषण, 2. रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, 3. स्थानवाचक क्रिया-विशेषण, और 4. परिमाणवाचक क्रिया-विशेषण।

प्रयोग के आधार पर क्रिया-विशेषण के कितने भेद होते हैं?

प्रयोग के आधार पर Kriya Visheshan के तीन भेद होते हैं- 1. साधारण क्रिया-विशेषण, 2. सयोंजक क्रिया-विशेषण, और 3. अनुबद्ध क्रिया-विशेषण।

रूप के आधार पर क्रिया-विशेषण के कितने भेद होते हैं?

रूप के आधार पर Kriya Visheshan के तीन भेद होते हैं- 1. मूल क्रिया-विशेषण, 2. यौगिक क्रिया-विशेषण, और 3. स्थानीय क्रिया-विशेषण।

क्रिया-विशेषण का अर्थ क्या है?

Kriya Visheshan शब्द का शाब्दिक अर्थ है- क्रिया की विशेषता बताने वाला। अर्थात- जिन शब्दों से क्रिया की विशेषता का ज्ञान होता है, उन शब्दों को हम क्रिया-विशेषण कहते हैं।

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण के कितने प्रकार है ?

रीतिवाचक क्रिया-विशेषण के प्रमुख प्रकार : निश्चयवाचक क्रिया-विशेषण, अनिश्चयवाचक क्रिया-विशेषण, कारणात्मक क्रिया-विशेषण, आक्स्मिकतात्म्क क्रिया-विशेषण, स्वीकारात्मक क्रिया-विशेषण, निषेधात्मक क्रिया-विशेषण, आवृत्यात्मक क्रिया-विशेषण, अवधारक क्रिया-विशेषण, और निष्कर्ष क्रिया-विशेषण।

“धीरे-धीरे” में कौन सा क्रिया-विशेषण (Kriya Visheshan) है?

“धीरे-धीरे” में रीतिवाचक क्रिया-विशेषण है। ऐसे क्रिया-विशेषण शब्द जिनसे क्रिया के होने का तरीका पता चलता है, उन्हें रीतिवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।

“ऊपर-नीचे” में कौन सा क्रिया-विशेषण है?

“ऊपर-नीचे” में स्थानवाचक क्रिया-विशेषण है। ऐसे क्रिया-विशेषण शब्द जिनसे क्रिया के होने का स्थान पता चलता है, उन्हें स्थानवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं।

कालवाचक क्रिया-विशेषण क्या है?

ऐसे Kriya Visheshan शब्द जिनसे क्रिया के होने के समय का पता चलता है, उन्हें कालवाचक क्रिया-विशेषण कहते हैं। जैसे- आज, कल, परसों, प्रतिदिन, रोजाना आदि कुछ कालवाचक क्रिया-विशेषण शब्द हैं।

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